सुखबीर बादल लाशों पर राजनीति करनी बंद करे : औजला

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 05:07 PM (IST)

अमृतसर: अमृतसर लोकसभा के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की तरफ से माझे में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर राजनीति बंद करने की सलाह देते कहा कि सुखबीर बादल अपने कार्यकाल के 15 सालों दौरान चिट्टे के कारण हुई मौतों पर बरगाड़ी में इंसाफ मांग रहे 2 निहत्थे सिख युवकों पर पुलिस की तरफ से अंधाधुन्ध गोली चला कर शहीद करने के लिए पंजाब के लोगों से माफी मांगे।

उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर सुखबीर बादल अपनी सरकार में रहते ही शराब और नशें के नाजायज कारोबार को नुकेल डालते, परन्तु 10 साल के राज में सुखबीर बादल के गृह और एक्साइज मंत्री होते नशों का कारोबार पूरी तरह प्रफुल्लित हुई, जहां गुंडागर्दी को शह मिली, वहां शराब के करिंदों के भी हौंसले बढ़े। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल अपनी खोई राजनीतिक जमीन ढूंढऩे के लिए हाथ पैर मार रहा है, परन्तु पंजाब के लोग सुखबीर का मुख्यमंत्री बनने का स्वप्न पूरा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि 1997 से ले कर 2017 तक के बीस सालों में से सुखबीर बादल और अकाली दल का 15 साल राज रहा, इस कार्यकाल दौरान शराब माफिया, केबल माफिया, रेत माफिया और चिट्टे का कारोबार अकाली दल के राज होते बढ़ा, जिसका सीधे तौर पर कारण सुखबीर बादल और अकाली दल के नेताओं की तरफ से माफिया और गुंडागर्दी को संरक्षण देना था। सुखबीर बादल यह न भूले कि अमृतसर में अपनी बेटी की इज्जत बचाने आए ए.एस.आई. को उसके ही अकाली वर्कर ने गोली मार दी थी, सुखबीर यह न भूलें कि उसके राज में उस की बसों ने कई नाजायज गरीबों को कुचला।

उन्होंने गरीब और भोले भाले लोगों को इंसाफ़ देने के लिए सुखबीर बादल ने तब आह का नारा क्यों नहीं मारा। उन्होंने कहा कि ज़हरीली शराब के साथ मरने वालों दे परिवार के साथ उनकी और पंजाब सरकार की भी हमदर्दी है परन्तु सुखबीर बादल लाशों पर राजनीति करनी बंद करे और पंजाब की चिंता छोड़ कर टुकड़े हो रहे अकाली दल को संभालने की तरफ अपना ध्यान लगावे। उन्होंने कहा कि हलका जंडियाला गुरु के विधायक सुखविन्द्र सिंह डैनी बंडाला ने अकाली दल के गुंडों और शराब के करिन्दों पर पर्चे करवाए, न कि एक्साइज विभाग पर। डैनी ने सुखबीर बादल को सरेआम चैलेंज किया है कि यदि सुखबीर बादल यह साबित कर दे तो डैनी बंडाला इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल डैनी की चुनौती को स्वीकार करें और अपना इस्तीफ़ा देें। 


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