मिड-डे मील सप्लाई करने वाली कंपनियों के दबाव में शिक्षा विभाग

punjabkesari.in Saturday, Aug 18, 2018 - 10:46 AM (IST)

अमृतसर (दलजीत): शिक्षा विभाग मिड-डे-मील सप्लाई करने वाली प्राइवेट कंपनियों के दबाव में है। विभाग द्वारा बार-बार अपने आदेश रद्द करते हुआ दोबारा अब नए सिरे से मिड-डे मील बनाने का काम प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया गया है। इससे पहले विभाग द्वारा 16 अगस्त से सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील बनाने की जिम्मेदारी स्कूल मुखिया को सौंपी थी और स्कूलों में इस संबंध में राशन सामग्री भी भेजी जा चुकी है। 

जानकारी के अनुसार पंजाब में अमृतसर सहित कुछ अन्य जिलों में शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील बनाने की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को सौंपी गई थी। विभाग को कंपनियों द्वारा ठीक ढंग के साथ खाना सप्लाई न करने के संबंध में मिल रही शिकायतों के आधार पर कंपनियों का मिड-डे मील बनाने का काम बंद करवाते स्कूल मुखिया को स्कूल में ही बनाने के आदेश दिए थे परन्तु उक्त पत्र के जारी होने के कुछ ही दिनों बाद विभाग ने अपने पत्र को रद्द करते दोबारा मिड-डे मील बनाने का काम प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया। अलग-अलग अध्यापक संगठनों द्वारा दोबारा शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी को मिलते मिड-डे मील का काम स्कूल मुखिया को सौंपने की अपील की गई थी, जिसके बाद फिर मंत्री सोनी के कहने पर विभाग ने प्राइवेट कंपनियों से मिड-डे मील का काम वापस लेती 16 अगस्त को मुखिया को स्कूल स्तर पर मिड-डे मील तैयार करने के लिए आदेश जारी किए।

पनसप विभाग द्वारा इस संबंध में बाकायदा स्कूलों में चावल और गेहूं राशन सामग्री भी उपलब्ध करवा दी परन्तु अब विभाग ने नया फरमान जारी करते हुए दोबारा मिड-डे मील बनाने का काम प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया है। विभाग की इस कारगुजारी से साबित हो रहा है कि उच्च अधिकारी प्राइवेट कंपनियों के दबाव में हैं और इस करके ही उनको अपने आदेश बार-बार रद्द करने पड़ रहे हैं। विभाग के इन फैसलों के कारण स्कूल प्रमुख भी अनिश्चितता में हैं कि क्या अब वह विभाग के कौन से मानें या न मानें। जिक्र योग्य है कि पंजाब के कुछ शहरों में प्राइवेट कंपनियां मिड-डे मील सप्लाई कर रही हैं, जबकि बाकी जिलों के शहरी क्षेत्र में अभी भी मिड-डे मील बनाने का काम स्कूल मुखिया को ही सौंपा गया है। विभाग को कई बार खाने की स्तर सही न होने संबंधी शिकायतें भी मिल चुकी हैं परन्तु विभाग पता नहीं क्यों प्राइवेट कंपनियों पर मेहरबान है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एलिमैंटरी शिशुपाल के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने पुष्टि की कि विभाग द्वारा दोबारा मिड-डे मील बनाने का काम प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया गया है। 

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