बारिश के बाद बदला मौसम का मिजाज, पड़ने लगी कड़ाके की ठंड

punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2019 - 04:10 PM (IST)

बरनाला (विवेक सिंधवानी,गोयल): प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने तथा पूरा दिन बादल रहने से क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। साथ ही दिन रात के तापमान में अंतर कम होने से ठंड का अहसास बढ़ गया है। आज दिन भर बादल छाए रहे, जिससे सूर्यदेवता के दर्शन नहीं हुए। मौसम में अचानक आए बदलाव ने लोगों को घरों में ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। बारिश के बाद 3 डिग्री तक पारा लुढ़क गया है जिसके चलते रात के समय ठिठुरन बनी रही व ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा लेते भी नजर आए। वही आने वाले दिनों में भी सर्दी से राहत की कोई संभावना नजर नहीं आती। बारिश के बाद अब घना कोहरा दस्तक देगा। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि जैसे ही हवा का रूख बदलेगा आसमान से बादलों का डेरा हट जाएगा तथा शीत लहर के साथ कड़ाके की ठंड गिरनी शुरू होगी।

तापमान में आ सकती है और गिरावट
मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनो में शहरनिवासियों को ऐसे ही सर्दी से जूझना पड़ सकता है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दिनो में ठंड के तेवर और बढ़ सकते है ऐसे में लोग ठंड से बचाव करते हुए निकले। धुध भी वाहन चालको की परेशानी बढ़ा सकती है इसलिए वाहनों की गति धीमी करके चले तथा सावधानी बरते।

किसानों के चेहरे खिले
बारिश रबी की फसलों गेहूं व सरसों के लिए लाभदायक है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश किसानों की फसलो के लिए सोने की तरह है इससे किसानों के चेहरे खिल गए है। गेंहू की बिजाई के बाद से अब फसल को पानी देने की जरूरत थी जिसे इंद्रदेवता ने पूरा कर दिया है जिससे अच्छी फसल होने की संभावनाओं को बल मिला है। दूसरी और कोहरा भी फसल के लिए लाभदायक है। कोहरा खासकर गेहूं की फसल के लिए अच्छा होता है, वातावरण में नमी से गेहूं का दाना सुनहरी व मोटा बनता है।

बदले मौसम के साथ बढ़ी बीमारियां
मौसम में हुए बदलाव के साथ ही खांसी, गला इंफैक्शन तथा वायरल के साथ निमोनिया के मामले भी सामने आने लगे है। सरकारी तथा प्राईवेट ओ.पी.डी में एकाएक बढ़ौतरी दर्ज की गई है। डाक्टरो की माने तो बदलते मौसम में बीमारियों का प्रहार होना लाजमी है। इस मौसम में लोगो का खास तौर पर एहतियात रखना बहुत जरूरी है। बाल रोग विशेषज्ञ डा.भारती से संपर्क करने पर उन्होने कहा कि बदले मौसम और चलने वाली ठंडी हवाओ का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। सर्दी की शुरूआत विशेषकर बच्चो के लिए खतरनाक होती है इसलिए बच्चो के मामले में परिजन विशेष सावधानी बरते। बच्चो को गर्म कपड़े पहनाने के साथ कमरो का तापमान स्थिर रखने की जरूरत है। बच्चो को बाहर घूमने से बचाए व पार्टी का परहेज करे। इसके अतिरिक्त रूम हीटर के संपर्क में रहने के बाद एकदम कमरे से बाहर न आए तथा बच्चो को शहद का सेवन करवाए। सिर पर टोपी व पैरो में जुराबे पहन कर ही घर से बाहर निकले। सुवह व शाम के समय ज्यादा देर तक ख्ुाले आसमान के नीचे न बैठे,पौष्टिक व संतुलित आहार ले ताकि शरीर में किसी भी पोषक तत्व की कमी न हो। बीमार होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करे। 

सेहत का रखे खास ख्याल
बदलते मौसम के साथ सेहत का भी ध्यान रखने की जरूरत है। इस सीजन में दमा और दिल के मरीजो का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में स्पैशलिस्ट राय यही है कि वे इस मौसम में स्वास्थ्य का ख्याल रखे। ठंड में प्लेटलैटस के आपस में चिपकने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। हार्ट की नसें सिकुडऩे लगती है तथा चैसट इंफैकशन तेजी से होता है। जिनके हार्ट कमजोर होते है उनका ब्लड प्रैशर बढऩे पर हार्ट फेलियर के चांस बढ़ जाते है इसके अलावा दमा रोगियो का सांस संबंधी दिक्कत भी बढ़ जाती है। 
 


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Mohit

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