पंचायती जमीन के लिए दलितों ने घेरा DC दफ्तर

punjabkesari.in Wednesday, Jun 13, 2018 - 10:32 AM (IST)

संगरूर (बेदी,विवेक सिंधवानी,यादविंद्र): आरक्षित कोटे की पंचायती जमीन कम रेट पर लेने और प्लाटों की मांग के लिए हजारों दलितों द्वारा प्रशासन की पाबंदी के बावजूद जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के नेतृत्व में शहर में प्रदर्शन करके डी.सी.दफ्तर संगरूर का घेराव करते ऐलान किया गया कि यदि हमारी मांगें न मानी तो 15 जून से अपने हिस्से की जमीन में फसलों की बिजाई शुरू करेंगे।

इस मौके जलसे को संबोधित करते जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के जिलाध्यक्ष मुकेश मलौद और बलविन्द्र झलूर ने कहा कि गांवों में आरक्षित कोटे की जमीनें डम्मी बोली होने के कारण वास्तविक दलितों की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं जिस कारण जमीन रहित दलितों को बेगाने खेतों में बेइज्जत होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लंबे संघर्ष के बाद जिन गांवों में जमीन मिली भी उसमें प्रशासन द्वारा (5 से 20 प्रतिशत) तक रेट में बढ़ौतरी करके बोली देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिसके खिलाफ जिले मे 29 गांवों के अंदर कई बार बोलियां रद्द हो चुकी हैं।

सरकार धक्केशाही को रोकने के लिए नहीं कर रही कोई प्रयास
मनप्रीत भट्टीवाल, जसविन्द्र नियामतपुर, गुरचरन सिंह डकौंदा, गुरदीप धंदीवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार भी अकाली-भाजपा के नक्शे कदमों पर चलते दलितों को कुचलने की नीति अपना रही है और दलितों के साथ हो रही इस धक्केशाही को रोकने के लिए कोई प्रयास नही कर रही। हरबंस कौर कुलारां, बिन्दा सिंह और गुरप्रीत खेड़ी ने प्रशासन पर आरोप लगाते कहा कि चाहे दलितों के लिए आरक्षित कोटे का मतलब आॢथक तौर पर कमजोर वर्ग को ऊपर उठाना है परंतु धनाढ्य चौधरियों और प्रशासन की तरफ से मिलीभगत करके दलितों को अलग करके डम्मी बोली करवाने के लिए उत्साहित किया जा रहा है और जमीन का रेट बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।


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Anjna

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