सेहत विभाग की तरफ से डेंगू से बचने के लिए हिदायतें फाइलों तक ही सीमित

punjabkesari.in Sunday, Nov 11, 2018 - 04:11 PM (IST)

शेरपुर(अनीश): शेरपुर और इसके आसपास गांवों में डेंगू बुखार के बढ़ रहे मरीजों की गिनती के कारण लोगों में सहम का माहौल बना हुआ है, क्योंकि डेंगू से प्रभावित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है परंतु सेहत विभाग का इसकी ओर कोई ध्यान नही है। उल्लेखनीय है कि 2016 में कस्बे में डेंगू के कारण कई मौतें हो गई थी और बहुत से मरीज प्राइवेट डाक्टरों से महंगे भाव का इलाज करवाने के लिए मजबूर हुए थे। चाहे सेहत विभाग की तरफ से डेंगू बुखार से बचने के लिए जरूरी हिदायतें समय-समय पर जारी की जाती हैं परंतु यह फाइलों तक ही सीमित हैं। 

डेंगू के मरीजों की गिनती को लेकर सेहत विभाग के आंकड़े प्रभावित 
लोगों के साथ मेल नही खाते, क्योंकि बहुत ही कम लोग डेंगू का टैस्ट शेरपुर के अस्पताल से करवाते हैं। शेरपुर के अस्पताल में टैस्ट करवाने के बाद इसको संगरूर में भेजा जाता है जहां से तीन-चार दिनों बाद मरीज को रिपोर्ट मिलती है। इसलिए मरीज प्राइवेट लैबोरेटरियों से ही टैस्ट करवाने को प्राथमिकता देते हैं। शेरपुर के बहुत से मरीज जहां प्राइवेट अस्पतालों में से इलाज करवा रहे हैं, वहीं बहुत से मरीज बरनाला और धूरी के अस्पतालों में दाखिल हैं। इस बार भी डेंगू बुखार के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। 

2016 से नही हुई फॉगिंग 
कम्युनिटी हैल्थ सैंटर शेरपुर के रिकार्ड अनुसार 2016 के बाद शेरपुर में फॉङ्क्षगग नही की गई। बेशक सरकार और सेहत विभाग की तरफ से समय-समय पर फॉङ्क्षगग  करने की हिदायतें जारी की गई हैं परन्तु शेरपुर कस्बे के साथ किस वजह करके सौतेली मां वाला सलूक हो रहा है, इस बारे तो संबंधित विभाग या जिला प्रशासन ही बता सकता है। 2016 में भी डेंगू के साथ मरने वाले मरीजों की गिनती में ङ्क्षचताजनक बढ़ौतरी होने से सेहत विभाग और समाज सेवी संस्थाओं ने अपने स्तर पर फॉगिग करवाई थी। 

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