आमने-सामने होंगे सरकार व किसान!

punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 01:06 PM (IST)

शेरपुर (अनीश): धान की पराली को आग लगाने के मामले को लेकर एक बार फिर से सरकार और किसानों के आमने-सामने होने के आसार हैं। जहां सरकार और जिला प्रशासन ने पराली जलाने की कार्रवाइयों को रोकने के लिए कमर कस ली है वहीं किसानों ने भी इस सख्ती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिला प्रशासन और कृषि विभाग का कहना है कि किसानों को पराली जलाने से गुरेज करना चाहिए ताकि वातावरण को कोई नुक्सान न पहुंचे जबकि किसान कह रहे हैं कि उनको पराली न जलाने का उचित बदल दिया जाए। इसके अलावा पराली न जलाने पर उसको खेतों में मिलाने पर भारी खर्चा होता है। किसानों को उक्त खर्चा दिया जाए ताकि किसानों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। अगले कुछ दिनों में यह मामला गर्माने के आसार हैं क्योंकि 8-10 दिनों तक धान की कटाई एकदम जोर पकड़ लेगी। 

पराली जलाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई
सरकार के निर्देशों और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व खेती विभाग की तरफ से पराली को आग लगाने वाले किसानों के साथ सख्ती के साथ पेश आया जाएगा। इसके तहत प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से पराली जलाने वाले किसानों को 2500 रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक जुर्माना किया जाएगा। इसके अलावा खेती विभाग की तरफ से संबंधित किसानों को मिल रहे सरकारी लाभों पर भी कट लग जाएगा। इसके तहत किसानों को सबसिडी वाली वस्तुएं देने पर भी रोक लगाई जा सकती है। इतना ही नही पराली न जलाने के जिला मैजिस्ट्रेट के निर्देशों की उल्लंघना करने पर किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कीभी व्यवस्था है जिसके तहत किसानों पर पुलिस केस भी दर्ज कियाजाएगा।

सैटेलाइट से रखी जाएगी नजर
विभाग द्वारा पराली जलाने की सारी प्रक्रिया पर सैटेलाइट से नजर रखी जाएगी। जिस तरह पराली जलाई जाएगी उसकी तस्वीर सैटेलाइट से लेकर संबंधित विभागों को भेजी जाएगी। संबंधित विभाग उसके बाद आगे वाली कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा ग्रामीण स्तर पर भी विभाग की तरफ से कर्मचारियों व वालंटियरों की तरफ से पराली जलाने की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और उसकी जानकारी उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को जागरूक किया जा रहा है ताकि पराली को आग लगाने की कार्रवाई को रोका जा सके।

सरकार की सख्ती कारण किसानों में रोष
किसान नेता बलवंत सिंह छन्ना, दर्शन सिंह कातरो, बलवंत सिंह माहमदपुर, गुरदीप सिंह अलीपुर,गुरजीत सिंह ईसापुर लंडा ने कहा कि किसान ज्यादा खर्च से बचने के लिए ही पराली को आग के हवाले करते हैं क्योंकि उनको पहले ही फसलों का पूरा मूल्य नही मिलता और पराली का हल करने पर कोई खर्च किसान सहन नही कर सकते। सरकार को चाहिए कि किसानों को पराली के हल के लिए योग्य मुआवजा दे। बिना किसी उचित मदद के किसानों पर कार्रवाई सही नही है। नेताओं ने कहा कि प्रशासन और सरकार किसानों को पराली जलाने का बदल देने में नाकाम साबित हुए हैं। यदि किसानों पर किसी प्रकार की सख्ती की गई तो किसान यूनियन उसका डटकर विरोध करेगी। 


 

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