फतेहवीर की मौत से सरकार ले सबक

punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2019 - 09:49 AM (IST)

शेरपुर(सिंगला): देश की आजादी के बाद 70 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी हमारे देश ने इतनी उन्नति नहीं की कि हम बोरवैल जैसे हादसों का शिकार हुए बच्चों की मदद करने के लिए कोई मशीनरी का प्रबंध कर सकें जबकि 15 अगस्त व 26 जनवरी को देश की समय-समय की सरकारों द्वारा बड़े-बड़े जहाजों,तोपों,गाडियों व अन्य साधनों को लोगों के समक्ष पेश करके दूसरे देशों से आगे निकलने व उन्नति करने के दावे किए जाते हैं।

असल सच्चाई यह है कि चाहे हम बड़ी-बड़ी बातें करके अपने आप में बड़े होने का भ्रम पाल रहे हैं परंतु जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ रहे फतेहवीर सिंह जैसे बच्चों को बचाने के लिए हमारी सरकारें बुरी तरह फेल साबित हो चुकी हैं। देश में बोरवैल से होने वाले हादसों ने देश के लोगों को यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि सरकारों को इसकी तरफ ध्यान देना चाहिए व कोई इस तरह की मशीनरी अस्तित्व में लाई जाए जिससे घटना घटने के कुछ समय बाद मासूम की जिंदगी को बचाया जा सके। 

जिला संगरूर के सुनाम समीप भगवानपुरा में 6 दिन पहले एक 2 वर्ष का मासूम बच्चा बोरवैल हादसे का शिकार हो गया था। समय की सरकारों व प्रशासन द्वारा किए प्रबंधों का कोई सार्थक परिणाम सामने न आने से फतेहवीर जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ता आखिर छठे दिन मौत के आगे हार गया। आज पूरे पंजाब व देश में राज्य व केन्द्र सरकार के अलावा सिविल प्रशासन संगरूर के विरुद्ध गुस्से की लहर पाई जा रही है । लोग सवाल कर रहे हैं कि प्रशासन ने यदि पहले ही कोई अच्छे कदम उठाए होते तो आज फतेहवीर अपने माता-पिता के साथ होता। 

पंजाब में दर्ज हुई 100 के करीब शिकायतें
 बोरवैल के मामले को लेकर सरकार द्वारा दिए हैल्पलाइन संपर्क नंबर पर जब ‘पंजाब केसरी’ के इस प्रतिनिधि से जानकारी प्राप्त की तो उन्होंने बताया कि हैल्पलाइन पर अब तक 100 के करीब शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं जिनमें गहरे नाले,सीवरेज के मैनहोल,बोरवैल आदि बारे पंजाब की विभिन्न जगहों पर लोगों द्वारा अपनी शिकायतें दर्ज करवाई हैं। यह जानकारी सिर्फ चंडीगढ़ हैल्पलाइन नंबर की है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि अकेले पंजाब में ही सैंकड़ों मौत के मुंह खुले पड़े हादसों को आंमत्रण दे रहे हैं।  

2006 में घटा था बड़ा हादसा
यदि बोरवैल हादसों की बात की जाए तो 24 जुलाई 2006 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र अधीन पड़ते गांव हलदहेड़ी में प्रिंस नाम का बच्चा लगभग 60 फुट गहरे बोरवैल में गिर गया था जिसको 48 घंटों में रैसक्यू आप्रेशन से जीवित बाहर निकाल लिया गया था।  उस समय देश में इस प्रिंस नामक बच्चे के लिए कई बड़ी आफरें भी आई थी व लोगों द्वारा उसको मदद करने के ऐलान किए गए थे परंतु आज सोशल मीडिया पर प्रिंस द्वारा बड़ा खुलासा किया गया है कि उससे किए गए किसी वायदे को उनके द्वारा पूरा नहीं किया गया। 

लोगों में सरकारों प्रति रोष
समूचे पंजाब सहित देश के  लोगों में इस बात को लेकर भारी रोष पाया जा रहा है कि पिं्रस से लेकर फतेहवीर सिंह के बोरवैल हादसे तक 13 वर्ष बीत जाने के बावजूद हमारी सरकारें कोई पुख्ता तकनीक नहीं ला सकी। जिसके लिए देश के मीडिया द्वारा फतेहवीर के रैसक्यू आप्रेशन के  साथ चाइना में घटे हादसे की वीडियो दिखाकर देश की सरकारों को फटकारें लगाई जा रही हैं।    

जिस पाइप से गिरा फतेहवीर उसी से निकाला बाहर
 6 दिन पहले फतेहवीर सिंह जो प्लास्टिक के पाइप से 120 फुट धरती के नीचे चला गया था। छठे दिन फतेहबीर सिंह को उसी पाइप से कुंडियों की मदद से बाहर निकाल लिया गया जबकि उक्त बोरवैल के साथ 6 दिनों तक 32 इंच पाइप डालकर फतेहबीर सिंह को बाहर निकालने के लिए प्रशासन यत्न कर रहा था।

बोरवैल हादसों की रोकथाम के लिए हो देश का सर्वे
बोरवैल हादसों की रोकथाम के लिए पूरे देश का एक सर्वे विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा करवाया जाना चाहिए जिसमें गहरे सूख चुके कुओं,नालों,गड्ढों, न प्रयोग करने योग्य बोरवैलों की शिनाख्त करके उनको तुरंत बंद करवाया जाए व सख्ती से कानून लागू किया जाए। 

हादसे से मुख्यमंत्री ने मांगी बोरवैलों की रिपोर्ट
 पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने हर जिले के डी.सी. को निर्देश दिए हैं कि राज्य में कोई भी खुला बोरवैल मौजूद नहीं होना चाहिए व इस पर 24 घंटों के अंदर-अंदर रिपोर्ट दी जाए। इसके साथ ही आम लोगों को भी अपील की कि यदि उनके ध्यान में कोई खुला बोरवैल आता है तो वह चंडीगढ़ में दिए हैल्पलाइन नंबर पर इसकी जानकारी दर्ज करवा सकता है। 
 
 

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