66 गांवों में होने वाले पंचायती चुनावों में सरपंच के 9 व पंच के 14 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द

punjabkesari.in Saturday, Dec 22, 2018 - 12:41 PM (IST)

 

भवानीगढ़(कांसल, विकास): इलाके में पंचायती चुनावों को लेकर स्थानीय ब्लाक अधीन आते 66 गांवों में से सरपंच पद के उम्मीदवार के लिए 185 और पंचायत सदस्यों की उम्मीदवारी के लिए 649 व्यक्तियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे जिनकी पड़ताल के बाद विभिन्न गांवों में से सरपंच पद के 9 उम्मीदवारों को और पंचायत सदस्यता के 14 उम्मीदवारों को अयोग्य करार दिया गया।

अयोग्य करार दिए गए उम्मीदवारों में से ज्यादातर शिरोमणि अकाली दल बादल के साथ संबंधित होने के कारण अकाली दल में सख्त रोष पाया गया। स्थानीय ब्लाक अधीन आते गांवों के सरपंची के अयोग्य करार दिए गए उम्मीदवारों में इलाके में अकाली दल बादल के बाबा बोहड़ माने जाते गांव फग्गूवाला के पूर्व सरपंच और टकसाली अकाली नेता उजागर सिंह जोकि करीब 5 बार गांव के सरपंच रह चुके हैं, के नामांकन पत्र रद्द हो जाने कारण अकाली नेताओं में सबसे अधिक रोष पाया गया। इसी तरह गांव जलान से जुगिन्दर सिंह, खेड़ी चंदवा से जसवंत कौर, पन्नवां से बेअंतपाल कौर, गहला से रणजीत कौर, रेतगढ़ से शिकन्दर सिंह, संघरेड़ी से गुरजिन्दर सिंह और हरजीत सिंह व गांव घराचों से इन्द्रप्रीत सिंह के नामांकन पत्र रद्द होने के कारण इनको अयोग्य करार दिया गया। अलग-अलग गांवों के सरपंच पद के अयोग्य करार दिए गए उम्मीदवारों में से 7 शिरोमणि अकाली दल बादल के साथ संबंधित माने जाते हैं।

इसी तरह पंचायत सदस्यों के उम्मीदवारों में गांव संतोखपुरा केशर सिंह, जलान से सुखवीर कौर, पन्नवां से रामसरन और मिठू दास, भराज से प्रकाश सिंह, नूरपुरा से सुखविन्दर कौर और परमजीत कौर, मटरां से परमजीत कौर, नरैणगढ़ से बलविंद्र सिंह और घराचों से सुखविंद्र पाल सिंह, जसवीर खान, हरविंद्र सिंह, दीपक और रजिन्दर सिंह के नामांकन पत्र रद्द होने के कारण इनको अयोग्य करार दिया गया। इस संबंधी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव बाबू प्रकाश चंद गर्ग ने कहा कि कांग्रेस के उच्च नेताओं की तरफ से पंचायत चुनावों में करारी हार के डर कारण कथित तौर पर सत्ता की शक्ति का दुरुपयोग करके योग्य उम्मीदवारों को भी जानबूझ कर अयोग्य ठहरा कर खुलेआम लोकतंत्र का हनन किया है।

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 25-25 साल से गांवों की नुमाइंदगी करते आ रहे हैं और बेदाग हैं उनके नामांकन पत्र रद्द हो जाना बहुत हैरानी की बात है। उन्होंने कहा कि पहले तो कांग्रेसी नेताओं की तरफ से अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए जनरल गांवों को रिजर्व और रिजर्व गांवों को जनरल करवाकर बड़ा फेर-बदल किया गया और अब नामांकन पत्र दाखिल होने के बाद कथित तौर पर कांग्रेसी उम्मीदवारों को मात देने वाले अकाली दल के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द करवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसका खमियाजा कांग्रेस पार्टी को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा।


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