छत पर उगे पीपल-बरगद की जड़ें दीवार में से निकल कर कमरों में आईं

punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 01:02 PM (IST)

शेरपुर (सिंगला): पंजाब सरकार एक तरफ स्कूलों को अच्छी सहूलियतें व इमारतें देने की बातें करती नहीं थकती और शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाती है कि स्कूल ठीक-ठाक चल रहे हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ ओर होती है। फिर प्राथमिक स्कूलों की तरफ सरकार का ध्यान क्यों नहीं जाता? गांवों में स्कूलों की हालत देखकर नहीं लगता कि सरकार और शिक्षा विभाग स्कूलों की सुध लेने का कोई प्रयास कर रहे हैं। गांव पेधनी के स्कूल की खंडहर बनी इमारत देखकर ऐसा लगता है जैसे उक्त स्कूल के बच्चों के साथ सरकार की कोई दुश्मनी हो। स्कूल में कुल 76 बच्चे पढ़ते हैं। जिनमें 48 बच्चे एस.सी. परिवारों से सम्बन्धित हैं जबकि 11 बच्चे बी.सी. और 17 बच्चे जनरल कैटेगिरी के पढ़ते हैं। इन बच्चों के बैठने के लिए जो पहली इमारत थी उसकी छत पर लगे पीपल-बरगद के वृक्षों की जड़ें दीवारों के बीच से निकलक रकक्षाओं के अंदर आ गई हैं जिसको देखकर ऐसा लगता है कि इस स्कूल की किसी ने सुध न ली हो। छतें किसी भी समय हादसों का कारण बन सकती हैं। स्कूल प्रशासन ने बच्चे को इन कमरों की तरफ जाने से रोका हुआ है जबकि चाहिए कि इन कमरों को तुरंत से गिराया जाए और पंजाब सरकार नए कमरों के लिए अनुदान का प्रबंध करे। 

मान ने स्कूल को 5 लाख एम.पी. लैड फंड और लेबर मनरेगा को देने का वायदा
 इस मौके पर सांसद भगवंत मान ने जहां स्कूल में जाकर कमरों की दयनीय हालत का मौका देखा, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि शायद इस स्कूल की तरफ किसी अधिकारी ने ध्यान ही नहीं दिया। यह स्कूल देखकर यकीन नहीं होता कि पंजाब के स्कूलों की हालत इस कदर बुरी हो सकती है कि कमरों की छतों पर लगे पेड़ दीवारों के बीच से कमरों में आ चुके हैं। मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने लोगों को अच्छी शिक्षा और सेहत सहूलियतें देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। पंजाब के स्कूल आज कबूतरखाना बन रहे हैं, सरकार एन.जी.ओज को स्कूल देने के बहाने स्कूलों को बेचने की तैयारी कर रही है। मान ने स्कूल को 5 लाख रुपए एम.पी. लैड फंड से इसी हफ्ते भेजने का वायदा किया और कमरे बनाने के लिए लेबर मनरेगा को देने के लिए ए.डी.सी. संगरूर से बात करने का भरोसा दिया। 

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