अध्यापक वर्ग ने दूसरे दिन काले- बिल्ले लगाकर किया प्रदर्शन

punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 12:56 PM (IST)

शेरपुर (सिंगला): सरकार द्वारा विरोधी फैसले करते हुए गत दिवस लंबे समय से स्कूलों में कार्य करते एस.एस.ए/रमसा के 8886 अध्यापकों को रैगुलर कर फुल स्केल देने की जगह फिर से 3 वर्ष ठेके पर 15,000/-उक्का-पुक्का देकर जुल्म किया गया है। ये अध्यापक पहले ही 3 वर्ष ठेके पर बहुत कम वेतन पर कार्य कर चुके हैं और नियमों अनुसार ये नवम्बर 2017 से रैगुलर होने बनते थे परंतु सरकार ने वित्तीय संकट के बहाने पर चलते हुए अध्यापकों के हकों पर डाके मार गुलामी के दिनों की याद ताजा करवा दी है। उपरोक्त हुई बेइंसाफी के विरुद्ध एस.सी./बी.सी. टीचर यूनियन संगरूर के आमंत्रण पर सर्व सांझे कार्य के लिए अध्यापकों ने दूसरे दिन स्कूलों में काले-बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन किया और बच्चों सहित आम लोगों को सरकार के बुरे व्यवहार की जानकारी दी। 

संगठन द्वारा प्रैस नोट जारी करते हुए कुलवंत सिंह पंजगराइयां ने बताया कि जिला प्रधान गुरसेवक सिंह व जनरल सचिव शमशेर सिंह के नेतृत्व में अध्यापकों के कठिन समय में संगठन ने साथ देने का वचन भी दिया और संगठन के आमंत्रण पर पूरा अध्यापक वर्ग बिना किसी भेदभाव के 8886 अध्यापकों को हक दिलवाने के लिए काले-बिल्ले लगाकर रोष जाहिर करेगा और आने वाले दिनों में पीड़ित अध्यापक जो भी संघर्ष शुरू करेंगे, संगठन उनके साथ खड़ा होगा। 

पीड़ित अध्यापकों के नेता अजविंद्र सिंह ने समूह संगठनों का इस समय संघर्ष में साथ देने पर धन्यवाद किया और कहा कि यह धक्का सिर्फ हमारे साथ ही नही बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए काला फरमान साहिब होगा। इसे लोक एकता बनकर ही रोका जा सकता है। एस.सी/बी.सी. के ब्लाक प्रधान नायब सिंह गंडेवाल ने कहा कि यह नादिरशाही फरमान गवर्नर को सामूहिक रूप में मिलकर रुकवाना चाहिए। इस 2 दिवसीय रोष प्रदर्शन के नेतृत्व करने में तेजिंदर बागड़ीयां, सुखविंद्र नारीके, बहादर सिंह मानां, भवानीगढ़, मनजीत सिंह अहमदगढ़ के इलावा संगठनों के नेता गुरजीत घनौर, प्रितपाल सिंह, गुरिंदर सिंह, राजेश रिखी व भरत कल्याण शामिल थे। 

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