नहरी पानी की बंदी के कारण मची हाहाकार

punjabkesari.in Thursday, Dec 06, 2018 - 12:53 PM (IST)

मानसा(मित्तल): मालवे में नहरी पानी की बंदी होने के कारण जहां किसानों को अपनी फसलें पालने के लिए महंगे भाव का डीजल फूंकना पड़ रहा है वहीं लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए धरती निचला शोरे वाला/ खारा व भारी पानी पीने के लिए मजबूर हैं परन्तु पंजाब सरकार की तरफ से किसानों व आम लोगों की इस समस्या को हल करने के लिए कोई यत्न नहीं किया जा रहा, जिस कारण लोगों में सरकार प्रति भारी रोश पाया जा रहा है। इस समय पर किसान नरमे व धान की फसल के बाद गेहूं बीजने की तैयारी में हैं परन्तु नहरी पानी की काफी कमी है। वे नहरी पानी समय सिर न मिलने कारण गेहूं की बिजवाई के लिए काफी परेशान हैं, क्योंकि इस जिले के किसान ज्यादातर नहरी पानी पर निर्भर हैं। 

गेहूं की बिजाई पिछडऩे का खतरा 
नरमा पट्टी में गुजरती नहरों में पानी की बंदी होने के कारण किसानों के सामने गेहूं की बिजाई पिछडऩे का खतरा मंडराने लगा है। मालवे के इस जिले में धरती निचला पानी खारा/शोरे वाला होने के कारण गेहूं की बिजाई के लिए घातक है। इस कारण हरियाणा राज्य के साथ लगते खेतों के लिए क्षेत्र के किसानों को खेतों में ट्यूबवैलों की बड़ी कमी होने के कारण नहरी पानी पर निर्भर होने के लिए मजबूर होना पड़ता है। पंजाब किसान यूनियन के जिला प्रचार सचिव इकबाल सिंह फफड़े ने कहा कि नहरों में पानी बंद होने के कारण गेहूं की बिजाई लेट हो जाएगी। ऐसी स्थिति में गेहूं का झाड़ कम निकलने पर किसानों का बड़ा आर्थिक नुक्सान हो सकता है। 

नहरी पानी तुरंत छोडऩे की मांग
विभिन्न किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने मांग की कि नहरी पानी तुरंत छोड़ा जाए, किसानों को मोटरें चलाने के लिए 8 घंटे दिन समय निर्विघ्न सप्लाई दी जाए और खाद डीलरों द्वारा किसानों की की जा रही लूट को तुरंत बंद करवाया जाए। किसान नेताओं ने कहा कि यदि नहरी पानी की बंदी खत्म कर पानी नहीं छोड़ा जाता, किसानों की खाद डीलरों द्वारा की जा रही लूट को बंद नहीं करवाया जाता और बिजली सप्लाई को ठीक न किया गया तो जत्थेबंदी संघर्ष करने के लिए मजबूर होगी।

किसान धरती निचला खारा व भारी पानी पीने के लिए मजबूर 
इस मामले को लेकर पंजाब किसान यूनियन के प्रांतीय प्रैस सचिव एडवोकेट बलकरन बल्ली, जिला सीनियर उप प्रधान रामफल सिंह चक्क अलीशेर और जिला जत्थेबंदक सचिव इकबाल सिंह फफड़े भाईके ने कहा कि जब अब किसानों को गेहूं को पानी लगाने की जरूरत है तो सरकार ने गलत समय पर नहरी पानी की बंदी कर रखी है, जिस कारण किसानों द्वारा महंगे भाव का डीजल जला कर अपनी फसलों को पानी दिया जा रहा है, वहीं बठिंडा मानसा के लोग नहरी पानी की बंदी कारण अपनी प्यास बुझाने के लिए धरती निचला खारा व भारी पानी पीने के लिए मजबूर हैं और इस पानी कारण लोगों को खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि फसलों को पानी लगाने के लिए बिजली भी सही रूप में नहीं दी जा रही। एक तरफ कैप्टन सरकार की तरफ से पंजाब के पास सरप्लस बिजली होने की ढींगे हांकी जा रही हैं और बाहर के राज्यों को बिजली बेचने की खबरें अखबारों में छप चुकी हैं परन्तु दूसरे तरफ किसानों को एक दिन छोड़ कर सिर्फ 4 या 5 घंटे रात समय बिजली दी जा रही है, जिससे फसल को सही ढंग से पानी नहीं दिया जा सकता। किसान अपनी फसलों को पानी देने के लिए इंजनों व जैनरेटरों  द्वारा महंगे भाव का डीजल फूंकने के लिए मजबूर हैं।

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