सरकार के साथ अधिकारियों के भी सुर बदले, निगम बैठक में हंगामा

punjabkesari.in Saturday, Apr 21, 2018 - 03:09 PM (IST)

बठिंडा(परमिंद्र): प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद अधिकारियों के सुर भी बदल गए हैं। नगर निगम की हाऊस की बैठक में अधिकारियों द्वारा अकाली-भाजपा पार्षदों की बात न सुनने का मुद्दा छाया रहा। अकाली-भाजपा के पार्षदों ने आरोप लगाए कि अधिकारी पार्षदों की कोई बात नहीं सुनते जिस कारण पार्षदों को लोगों के काम करवाने में दिक्कतें आ रही हैं। यही नहीं अधिकारियों द्वारा जान-बूझकर अकाली-भाजपा के पार्षदों की अनदेखी की जा रही है। अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। बैठक में नगर निगम मेयर बलवंत राय नाथ, कमिश्नर ऋषिपाल व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे जबकि भाजपा के सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल तथा डिप्टी मेयर गुरिंद्रपाल कौर मांगट नदारद रहे। बैठक में विकास व अन्य कार्यों के करीब 3.25 करोड़ रुपए के एजैंडे पारित किए गए। 

पार्षदों ने अधिकारियों को लिया आड़े हाथों
बैठक शुरू होते ही विभिन्न पार्षदों ने निगम अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। पार्षद प्रदीप गोयल ने कहा कि तेजाब वाली गली में थडिय़ां बनाकर किए गए अतिक्रमणों के बारे में उन्होंने संबंधित एस.डी.ओ. के पास शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन 15 दिनों के बाद भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई। उलटा अधिकारी ने उसे लिखित शिकायत देने की बात कह दी। इसी प्रकार पार्षद निर्मल संधू, पार्षद गुरसेवक सिंह मान, पार्षद मास्टर हरमंदर सिंह, पार्षद हरविंद्र शर्मा, पार्षद हरजिंद्र छिंदा, पार्षद राजविंद्र सिंह सिद्धू, पार्षद संतोश महंत व अन्य पार्षदों ने भी अधिकारियों पर मनमानियां करने के आरोप लगाए। मास्टर हरमिंद्र सिंह ने कहा कि उनके वार्ड में पार्क का काम शुरू करते वक्त संबंधित अधिकारियों ने उन्हें ही सूचित नहीं किया व उनकी गैर-मौजूदगी में ही काम शुरू करवा दिया। ऐसा करके न केवल उनके संवैधानिक पद का अपमान किया गया, बल्कि इससे सभी पार्षदों के मान सम्मान को भी चोट पहुंचाई गई। मौके पर कमिश्नर ऋषिपाल ने इन मामलों की जांच करवाकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। 

नोडल अधिकारी लगाने पर भी विवाद 
पंजाब सरकार की योजना के अनुसार नगर निगम की ओर से लगभग हर वार्ड में स्व‘छता व अन्य कार्य करवाने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की योजना पर भी जमकर विवाद हुआ। अकाली-भाजपा के साथ-साथ कांग्रेसी पार्षदों ने भी इस योजना का विरोध किया। पार्षदों ने कहा कि अधिकारी पहले ही पार्षदों की कोई बात नहीं सुनते व ऐसे में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने से पार्षदों का महत्व बिल्कुल ही समाप्त हो जाएगा। गौरतलब है कि योजना के तहत नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करके उनके नाम व फोन नंबरों के बोर्ड भी लगाए जाने हैं लेकिन पार्षदों ने इस योजना को नामंजूर कर दिया। पार्षदों ने कहा कि इससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी जबकि पार्षदों की छवि पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। इस पर नगर निगम कमिश्नर ऋषिपाल ने कहा कि उक्त योजना पंजाब सरकार द्वारा भेजी गई है। अगर पार्षदों को इस पर ऐतराज है तो वह सरकार को लिखकर भेज देंगे। इसी दौरान कांगे्रसी पार्षद मलकीत सिंह ने रोष जताया कि अकाली सरकार के दौरान उन्हें भी उनके वार्ड में होने वाले कार्यों के बारे जानकारी नहीं दी जाती थी व अब अकाली दल के पार्षद बिना वजह शोर मचा रहे हैं। 

मलोट रोड कालोनी के प्रस्ताव पैंडिंग
मॉडल टाऊन 4 व 5 तथा बठिंडा छावनी के नजदीक स्थित ग्रीन सिटी कालोनी को नगर निगम द्वारा टेकओवर करने का प्रस्ताव इस बार फिर से बैठक में रखा गया था, लेकिन इस प्रस्ताव पर गतिरोध बरकरार रहा। अधिकांश पार्षदों ने इस प्रस्ताव को अभी पैंडिंग रखने की सलाह दी। पार्षदों ने कहा कि इस कालोनी को टेकओवर करने से निगम पर अभी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसके अलावा इस मामले की अभी उच्च स्तरीय जांच भी चल रही है, जिस कारण इस प्रस्ताव को पैंडिंग रख लिया गया। इसके अलावा मलोट रोड पर नई बन रही कृष्णा कालोनी की सड़कें बनाने व स्ट्रीट लाइटें लगाने के लगाए गए 2 प्रस्तावों को नगर निगम ने पैंडिंग रख लिया है। उक्त दोनों कार्यों पर करीब 85 लाख रुपए का खर्च आना था। निगम की आर्थिक हालत को देखते हुए उक्त कालोनी संबंधी दोनों प्रस्तावों को भी पैंडिंग रख लिया गया। दोनों पर बाद में विचार करने के बाद ये प्रस्ताव दोबारा लगाए जाएंगे। बैठक में रखे गए कुल 11 एजैंडों में से बाकी 8 को हाऊस ने पारित कर दिया। 

ये प्रस्ताव किए गए पारित
नगर निगम की हाऊस की बैठक में कुल 11 एजैंडे रखे गए, जिनमें से 8 को पारित कर दिया गया। उक्त एजैंडों में शहर में फॉगिंग हेतु दवा खरीदने, कुत्तों की नसबंदी करने वाली कंपनी द्वारा काम ठीक न करने के चलते उसकी पेमैंट रोकने, वाटर सप्लाई व सैनीटेशन के कुछ फंड्स ट्रांसफर करने, जोगानंद रोड को चौड़ा करने, शहर की सफाई व कूड़ा उठाने के लिए 3 से 6 महीनों के लिए मुलाजिम रखने, डेरा रूमी भुज्जों कलां को गऊओं की देखरेख के लिए डाइट मनी की राशि मुहैया करवाने के एजैंडों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके अलावा बैठक में कुछ सप्लीमैंट्री एजैंडे भी पारित किए गए। 

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