मेयर की कुर्सी को लेकर नगर निगम में जोड़तोड़ की राजनीति शुरू

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 03:58 PM (IST)

बठिंडा(विजय): शनिवार को नाटकीय घटनाक्रम में अकाली दल के 4 टकसाली पार्षदों समेत पूर्व पार्षदों ने अकाली दल को छोडऩे की घोषणा की, जबकि कांग्रेस के पूर्व पार्षद इकबाल सिंह बबली सहित पार्षद शैरी गोयल ने अकाली दल का दामन थाम लिया था।

इससे पहले अकाली दल के 2 अन्य पार्षद जसबीर सिंह जस्सा व बिल्लू अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, जिससे नगर निगम में अकाली पार्षदों की गिनती लगातार घटती जा रही है। ऐसे में कांग्रेस मेयर की कुर्सी हथियाने के लिए ललचाई नजरों से देख रही है, लेकिन अभी दिल्ली दूर है। नजर निगम में जोड़तोड़ की राजनीति को लेकर चर्चा जोरों पर है जबकि कांग्रेस प्रचार कर रही है कि अभी कुछ और पार्षद अकाली दल को अलविदा कहने वाले हैं जबकि अकाली दल का कहना है कि मेयर की कुर्सी को कोई खतरा नहीं और डैमेज को जल्द कंट्रोल कर लेंगे। शनिवार को अलविदा कहने वाले अकाली दल के जो 4 टकसाली पार्षदों को मनाने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं। पूर्व संसदीय सचिव सरूप चंद सिंगला व मेयर बलवंत राय नाथ किसी भी तरह उन्हें वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। सुखबीर बादल व हरसिमरत कौर बादल ने तो इन चारों पार्षदों का इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया था, परंतु बाद में अकाली दल की बैठक में यह मामला जोर-शोर से उठा तब जाकर सुखबीर बादल के तेवर कुछ नर्म हुए।

नाराज पार्षदों को मनाएगा अकाली दल 
बठिंडा शहर में अकाली दल की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले नाराज चारों पार्षदों को मनाने के लिए अकाली दल जोर लगाएगा। मेयर बलवंत राए नाथ का कहना है कि वह इस संबंध में सरूप चंद सिंगला से बात करेंगे और सुखबीर बादल को भी विश्वास में लेंगे। उनका कहना है कि इन चारों नाराज पार्षदों को मनाने के लिए अगर उनके घर भी जाना पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे। वह चाहते हैं कि अकाली दल टूटने की बजाए और मजबूत हो जिसके लिए उनके प्रयास जारी हैं। मेयर का कहना है कि आखिर इन्होंने इतना बड़ा फैसला एकदम कैसे ले लिया, इसका कारण समझ नहीं आया। सरूप चंद सिंगला का कहना है कि इस मामले को लेकर वह अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से बात करेंगे। 

पंजाब एकता पार्टी से जुड़ सकते हैं चारों विधायकॉ
बेशक नगर निगम मेयर बलवंत राए नाथ की कुर्सी को अभी कोई खतरा नहीं, लेकिन फिर भी कांग्रेस कुर्सी पर नजरें गड़ाए बैठी हुई है। माहिरों के अनुसार कांग्रेस को 2 तिहाई पार्षद जोडऩे होंगे जिनकी गिनती 34 है। शहर में कुल 50 वार्डों के 50 ही पार्षद हैं जबकि एक पार्षद राम हलवाई की मौत से इस समय निगम में कुल 49 पार्षद हैं। कांग्रेस के पास पहले से 10 पार्षद थे, लेकिन 4 आजाद पार्षदों ने भी कांग्रेस का समर्थन कर दिया था। वहीं 3 अन्य पार्षद कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। अगर & अकाली पार्षदों को भी जोड़ा जाए तो आंकड़ा 20 तक ही पहुंचता है। 1& पार्षद इकट्ठे करना कांग्रेस के लिए अभी आग से खेलने वाली बात है। मौजूदा स्थिति में शैरी गोयल के शामिल होने से अकाली दल के पास 22 व 7 भाजपा के पार्षद मौजूद हैं। अकाली दल को अलविदा कहने वाले चारों पार्षदों ने अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया कि वह किस के साथ जाएंगे, लेकिन माना जाता है कि वह पंजाब एकता पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी से निकले फूलका भी उनसे संपर्क बनाने की कोशिश में हैं। वहीं कांग्रेस चाहती है कि यह चारों पार्षद उनके साथ मिल जाएं तो उन्हें आगे मेयर के लिए दावा करने का रास्ता खुल जाएगा। 


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