करोड़ों रुपए गऊ सैस वसूलने के बाद भी गौवंश की हालत दयनीय

punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 04:23 PM (IST)

बठिंडा (सुखविंद्र): नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए काऊ सैस के रूप में वसूलने के बाद भी गौवंश की हालत बद से बदतर बनी हुई है जबकि निगम द्वारा अब तक 3 करोड़ से भी अधिक रुपए एकत्र किए जा चुके हैं। लावारिस घूम रही गऊओं को रोजाना कुत्तों द्वारा अपना शिकार बनाया जा रहा है।

ऐसा ही मामला सिविया रोड पर एन.एफ.एल. के सामने देखने को मिल रहा है जहां गऊएं भूख व धूप में तड़प रही हैं और आए दिन उनकी मौत हो रही है। हालत इतनी बुरी है कि जीवित गऊओं को कुत्तों द्वारा खाया जा रहा है। मृत पशु जगह-जगह पड़े हुए हैं और बदबू फैली हुई है। भले किसानों द्वारा इन गऊओं के लिए तूड़ी भी फैंकी गई थी परन्तु अब खराब हो चुकी है। भूख से तड़प रही गऊओं द्वारा खराब तूड़ी खाकर ही भूख मिटाई जा रही है। उधर प्रशासन, समाज सेवी व ङ्क्षहदू संगठनों के नेता बयानबाजी कर ही काम चला रहे हैं।

मांस खाने कारण कुत्ते हुए खूंखार
रोजाना मांस खाने कारण कुत्ते भी खूंखार हो चुके हैं जो सिविया रोड से गुजरने वाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। उक्त जगह पर आवारा कुत्तों की गिनती बढ़ती जा रही है जो चिंता का विषय बनी हुई है। गत दिन खेता सिंह बस्ती में आवारा कुत्तों द्वारा हमला करने के मामले भी सामने आ चुके हैं।

गऊएं मरने से फैली बदबू
उक्त जगह पर लगभग सैंकड़ों गौवंश मौजूद है जिनकी गिनती भूख व कुत्तों के खाने के बाद दिनों-दिन कम होती जा रही है। रिहायशी इलाके निकट गऊओं के मरने से इलाके में बदबू फैली हुई है और बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। इससे जहां आसपास रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं वहां से गुजरने वाले गांवों के लोग भी परेशान हैं। जगह-जगह पड़े गऊओं के अवशेष को कुत्तों द्वारा नोचा जा रहा है। 

चारे व छाया का नहीं प्रबंध
हाड़ी के सीजन दौरान किसानों द्वारा आसपास के गांवों से तूड़ी एकत्र कर उक्त जगह पर फैंकी गई थी। समय अधिक होने कारण उक्त तूड़ी भी खराब हो चुकी है। इसके बाद गौवंश को खराब तूड़ी खाकर भूख मिटानी पड़ती है। गऊओं को जरूरत अनुसार हरा चारा, पानी, छाया न मिलने कारण उनकी हालत दयनीय है। पानी का प्रबंध भी लगभग नाममात्र ही है। 

जीवित गऊओं को खा रहे हैं कुत्ते
सिविया रोड पर एन.एफ.एल. गेट के सामने सैंकड़ों गऊएं लगभग कैद ही हैं जिनको किसानों व शहर के लोगों द्वारा कुछ समय पहले छोड़ा गया था। खाने का प्रबंध न होने कारण गऊएं भूखी मर रही हैं। इसके अलावा चारा न मिलने के कारण कमजोर हो चुकी गऊओं को कुत्ते खा रहे हैं। लेकिन इस ओर न तो प्रशासन का ध्यान है और न ही जनता  अपनी जिम्मेदारी इमानदारी से निभा रही है। 

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