8 गऊओं की मौत, गौभक्तों में रोष

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 11:42 AM (IST)

बठिंडा (परमिंद्र) : जिला प्रशासन के संरक्षण में गांव हररायपुर में चल रही गौशाला में गऊओं, बछड़ों आदि के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले कुछ दिनों के दौरान ही गौशाला में 8 पशुओं की मौत हो गई। इस घटना के कारण गौभक्तों व समाज सेवकों में रोष है। उक्त पशुओं के शव भी गौशाला में ही पड़े हुए थे। आसरा वैल्फेयर सोसायटी के संस्थापक रमेश मेहता की ओर से उक्त मामला उठाए जाने के बाद प्रबंधकों द्वारा गऊओं के शवों को दफनाया गया।

पहले हो चुकी है 1000 गऊओं की मौत
रमेश मेहता ने बताया कि गौशाला में उचित प्रबंध न होने के कारण गऊएं बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं जिससे उनकी मौत हो जाती है। उक्त गौशाला का प्रबंधन जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई कमेटी द्वारा किया जाता है। गौशाला में पीने का साफ पानी मुहैया न होने के कारण पशु बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले 2 सालों के दौरान यहां लगभग 1000 पशुओं की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कोई उचित कदम नहीं उठाया गया।

हड्डारोड़ी की व्यवस्था न होने कारण पशुओं को दफनाया
महानगर बठिंडा में मृत पशुओं को उठाकर हड्डारोड़ी ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले कई सालों से हड्डारोड़ी का ठेका समाप्त हो गया था । नया ठेका नहीं दिया गया। महानगर में सड़कों पर मरने वाले गौवंश को भी लोग अपने खर्च पर ही उठवाते हैं। ऐसे में उक्त गौशाला में मर रहे गौवंश को भी हड्डारोड़ी ले जाने की बजाए उन्हें वहीं नजदीक दफना दिया जाता है। अब भी उक्त पशुओं को प्रबंधकों द्वारा दफना दिया गया।


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