डायरिया के मरीजों की संख्या 250 के करीब पहुंची, विभाग ने नहीं ली मरीजों की सुध

punjabkesari.in Sunday, Apr 29, 2018 - 03:21 PM (IST)

मानसा (मित्तल): जिले के गांव ऊभा में वाटर वक्र्स के पानी में सीवरेज का गंदा पानी मिलने से उस पानी को पीकर बीमार हुए 36 और मरीजों को दवाई देकर उनमें से 10 व्यक्तियों को अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। इस कारण इन मरीजों की संख्या बढ़ कर 250 के करीब पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सभी मरीजों की हालत खतरे से बाहर है।

बेशक जल आपूर्ति विभाग ने पानी की आपूर्ति रोक दी है परन्तु जल आपूर्ति की पाइप की सफाई होनी अभी बाकी है। गांव में हालत गंभीर होने पर मरीजों को विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों व अस्पतालों में उपचार के लिए दाखिल करवा दिया है। स्वास्थ्य केंद्र का मैडीकल स्टाफ 2-3 दिनों से लगातार तेजी के साथ उपचार कार्यों में लगा हुआ है। डाक्टरों का कहना है कि यह बीमारी गंदा पानी शरीर में जाने कारण फैली है। स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों व उनके परिजनों का तांता लगा हुआ है। कइयों के घरों में पानी का कनैक्शन न होने के कारण भी वे बीमार पाए गए परन्तु डाक्टरों का इस बारे यह कहना था कि असली कहानी टैस्ट की रिपोर्ट से ही सामने आएगी।

जल आपूर्ति विभाग ने पानी की आपूर्ति ठप्प कर सीवरेज की पाइपलाइन की लीकेज बंद करने का कार्य आरम्भ दिया है, साथ ही गांव वासियों के घरों में जाकर पानी स्टोर करने वाली टैंकियों की जांच शुरू कर दी है। जल आपूर्ति विभाग की लापरवाही से गांव ऊभा के दर्जनों परिवारों के बच्चे, महिलाएं व बुजुर्ग डायरिया की बीमारी कारण सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में दाखिल हैं, वहां ऐसे समय जिला प्रशासन की तरफ से लोगों की मदद करनी तो दूर सरकार या जिला प्रशासन के किसी प्रतिनिधि ने मरीजों का हाल तक नहीं पूछा।

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