कर्फ्यू के दौरान बठिंडा देहाती में चिट्टे की होम डिलीवरी

punjabkesari.in Thursday, Apr 02, 2020 - 11:29 AM (IST)

संगत मंडी(मनजीत): कोरोना वायरस को आगे बढ़ने से रोकने के लिए राज्य में कर्फ्यू लगा हुआ है परन्तु कर्फ्यू दौरान चिट्टे के सौदागरों का अपना कालाधंधा बेखौफ जारी है। उनके द्वारा चिट्टे की होम डिलीवरी की जा रही है परन्तु पुलिस को कोई खबर नहीं, जिस कारण अब तो आम लोग भी कहने लग पडे़ हैं कि अगर कर्फ्यू दौरान यह हाल है तो कर्फ्यू से पहले क्या होता होगा, का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। राज्य की कांग्रेस सरकार के मंत्रियों द्वारा ब्यान दिए जा रहे हैं कि कर्फ्यू कारण पंजाब में चिट्टे की चेन टूट चुकी है परन्तु असल सच्चाई कुछ और है।

जानकारी अनुसार चिट्टे की स्मगलिंग करने वाले चिट्टे की पुड़ी लेकर आते हैं और अपने ग्राहक को घर आकर देकर जाते हैं। यह धंधा जिस समय से कर्फ्यू लगा है उस समय से ही चल रहा है। गांव बांडी के कुछ लोगों ने आधा दर्जन के करीब लड़के, जो कोटगुरू, संगत व बठिंडा के बताए जा रहे हैं, आगे चिट्टा लेकर जाते पकडे़ गए हैं। इसके अलावा संगत मंडी में भी यह खेल चिट्टे के सौदागरों द्वारा पुलिस की नाक नीचे खेला जा रहा है परन्तु इस मामले में पुलिस के अभी तक हाथ खाली हैं। इलाके के लोगों में पुलिस प्रति भारी रोष पाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि आम व्यक्ति अगर कर्फ्यू से बाहर निकलता है तो उसको लाठियों से पीटा जाता है पर चिट्टे की तस्करी करने वालो को कुछ नहीं कहा जाता। उन्होंने कहा कि पुलिस के कुछ अधिकारी चिट्टा बेचने वालों से हिस्सा लेते हैं जिस कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। गांव नरूआना वासियों ने भी बताया कि बीड़ तलाब के 2 युवकों को पकड़ा गया था जिनके पास चिट्टा था। सरकार ने अगर समय रहते इसका हल न किया तो नौजवान पीढ़ी चिट्टे की लत में लग कर खत्म हो जाएगी।

क्या कहते हैं बठिंडा देहाती के डी.एस.पी.
जब इस संबंधी बठिंडा देहाती के डी.एस.पी. दविन्द्र सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि चिट्टा बेचने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती, बल्कि पुलिस द्वारा ऐसे अनसरों के खिलाफ मामले दर्ज कर उन्हें जेलों में भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा जो इस धंधे से जुड़ा हुआ है।

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