IIFPT के 8 संस्थाओं से किए समझौते फूड प्रोसैसिंग को बड़ा प्रोत्साहन देंगे: हरसिमरत बादल

punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2020 - 05:06 PM (IST)

बठिंडा (विजय): केंद्रीय खाद्य प्रोसैसिंग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.एफ.पी.टी.) द्वारा 8 प्रसिद्ध संस्थानों के साथ खोज कौशल डिवैल्पमैंट तथा कौशल विकास के क्षेत्र में फूड प्रोसैसिंग को बड़ा प्रोत्साहन देंगे। यहां आई.आई.एफ.पी.टी. के कार्यालय में आयोजित एक समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीबी बादल ने कहा कि 8 संस्थानों के साथ हस्ताक्षरित किए गए एम.ओ.यू. पंजाब में औद्योगिकरण तथा प्रोसैसिंग सैक्टर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के साथ फलों तथा सब्जियों की प्रोसैसिंग, अनाज तथा दालों की कटाई के बाद संभाल तथा डेयरी तथा दूध की प्रोसैसिंग को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अशोक कुमार की उपस्थिति में आई.आई.एफ.पी.टी. के निदेशक डा. आनंधर्माकृष्ण ने संस्थानों के प्रमुखों से हस्ताक्षरित किए तथा उनका आपस में आदान-प्रदान किया, जिनका 8 संस्थानों से किए समझौते किए गए हैं, उनमें पंजाबी कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना नैशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीच्यूट एन.डी.आर.आई. करनाल, सैंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ पोस्ट-हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी, लुधियाना, इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ वीट एंड बारले रिसर्च, करनाल, संत लौंगोवाल इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी, लौंगोवाल, राष्ट्रीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान मोहाली तथा गुरु नानक कॉलेज, बुढलाडा, मानसा शामिल हैं। बीबी बादल ने कहा कि किसानों, युवाओं तथा मजदूरों के कल्याण के लिए अपनी तकनीकें तथा तकनीकी ज्ञान को सांझा करने के लिए 8 संस्थानों ने हाथ मिलाया है।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा बेकार आलू का उपयोग तथा मक्का की प्रोसैसिंग के लिए 800 करोड़ रुपए की लागत वाली 42 परियोजनाओं की मंजूरी दे दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि खाद्य प्रोसैसिंग मंत्रालय ने सुधार करने के लिए कुछ क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें सप्लाई चेन ढांचे के अंतराल को भरना, उत्पादन तथा प्रोसैसिंग में सर्म्पक की कमी को दूर करना, सीजनल, बीलिटी ऑफ आप्रेशन, कैपेसिटी यूटीलाइजेशन तथा उत्पाद विकास तथा नवाचार की कमी आदि शामिल हैं। बादल ने इस अवसर पर उन सफल कारोबारियों को सम्मानित किया, जिन्होंने आई.आई.एफ.पी.टी. कार्यालय के सहयोग से अपने कारोबार स्थापित किए हैं तथा पी.ए.यू. के उपकुलपति डा. बलदेव सिंह समेत सभी संस्थानों के प्रमुखों का धन्यवाद किया। आई.आई.एफ.पी.टी. के निदेशन डा. आनंधर्माकृष्णन ने कहा कि पिछले 2 सालों के दौरान जब से इस संस्थान की नींव रखी गई है संस्थान द्वारा 100 लघु अवधि तथा लंबी अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनके साथ राज्य में 650 हिस्सेदारों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अलग-अलग जिलों में 32 जागरूकता प्रोग्राम आयोजित करवाए जा चुके हैं, जिनके साथ 2 हजार किसानों तथा ग्रामीण महिलाओं को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि 4 कारोबारियों को टमाटर की चटनी तथा कैचअप यूनिट, मिल्क प्रोसैसिंग, बेकरी एंड फल पेय पदार्थ के लिए तैयार किया गया है तथा नए कारोबारियों को 22 व्यापार इन्क्यूबेशन सेवाएं प्रदान की गई हैं।

 

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