जंक फूड की सरकारी और गैर-सरकारी स्कूल कैंटीनों की होगी जांच

punjabkesari.in Thursday, Jan 10, 2019 - 12:02 PM (IST)

मानसा(जस्सल): पंजाब सरकार ने पंजाब राज्य कमीशन के बच्चों के हकों की सुरक्षा हित जंक फूड की पंजाब भर की सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों की कैंटीनों की जांच करने के लिए सख्त कदम उठाने लगी है, क्योंकि अब राज्य में स्कूली बच्चों की सेहत को नुक्सान वाले जंक फूड की मांग ज्यादा बढऩे लगी है।

अब समूचे राज्य के फूड इंस्पैक्टरों को जंक फूड को लेकर स्कूलों की कैंटीनों की पड़ताल में सहयोग देने के आदेश सुनाए हैं। एन.सी.पी.सी.आर. की तरफ से यह मामला सी.पी.सी.आर. एक्ट, 2005 की धारा 13(1)(एफ) और (के) के तहत ध्यान में लाया गया है, क्योंकि यह एक सेहत के लिए गंभीर मुद्दा है, जो एच.एफ.एस.एस. वाली खुराकी वस्तुओं का प्रयोग कर रहे स्कूली बच्चों की सेहत के साथ संबंधित है इसलिए पंजाब फूड सेफ्टी कमिशनरेट की तरफ से इस मुद्दे से निपटने के लिए हर संभव यत्न किए जाएंगे।

सेहत को नुक्सान पहुंचाने वाले जंक फूड का बढ़ रहा रूझान गंभीर समस्या : पन्नू 
फूड सेफ्टी पंजाब इस बुरी प्रवृत्ति को रोकने के लिए अब आगे बढऩे लगा है। इसके सेहत पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों से जागरूक करने के साथ अब सख्ती के साथ पेश आएगा। फूड सेफ्टी पंजाब के कमिश्नर काहन सिंह पन्नू ने भी नैशनल कमीशन फार प्रोटैक्शन आफ चाइल्ड राईट्स (एन.सी.पी.सी.आर.) ने स्कूली बच्चों की सेहत को नुक्सान पहुंचाने वाले जंक फूड के बढ़ रहे रुझान पर गंभीर ङ्क्षचता प्रगट की है। इसके मद्देनजर स्टेट कमीशन फार चाइल्ड राइट्स की तरफ से स्कूलों की कैंटीनों की जांच की जाएगी। 

जंक फूड से दिल के रोग होने की संभावना होती है अधिक  
जंक फूड के प्रयोग से कई सेहत समस्याएं और बीमारियां जैसे टाइप 2 डायबिटीज, हाइपरटैंशन और दिल के रोग होने की संभावना बढ़ रही है। ये बीमारियां और बच्चों का मोटापा बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में बुरा प्रभाव डालता है। इसलिए स्कूली अध्यापकों और बच्चों के मां-बाप को भी रचनात्मक रोल निभाना चाहिए जिससे उनके बच्चे स्वस्थ होकर देश के तंदुरुस्त नागरिक बन सकें।

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