जेब खर्च से लवप्रीत मासूमों की जिंदगी कर रही है रोशन

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2019 - 01:29 PM (IST)

बठिंडा (सुखविंदर): माता-पिता से मिले जेब खर्च को जहां युवा लड़के-लड़कियां अपनी जरूरतों को पूरा करने में लगा देते हैं, वहीं एक ऐसी लड़की भी है जो अपने जेब खर्च से गरीब बच्चों को शिक्षा दे रही है। लवप्रीत (22) पुत्री जसविंदर सिंह निवासी बबनपुर (रतिया) द्वारा पिछले 5 वर्षों से अपने जेब खर्च से  गरीब ब‘चों को मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। लवप्रीत  अपनी पढ़ाई करते-करते लगभग सौ से अधिक बच्चों को पढ़ा चुकी है। अब अजीत रोड स्थित पार्क में  वह गरीब ब‘चों को अंग्रेजी, कम्युनीकेशन व कंप्यूटर की तैयारी करवा रही है। लवप्रीत जिसने बी.बी.ए. एम.सी.ए. आईलैट्स का पेपर पास किया हुआ है, बच्चों को आईलैट्स सैंटर पर कोचिंग दे रही है।

पार्क में लगती है क्लास
बच्चों को पार्क में प्रतिदिन शाम साढ़े 5 से लेकर 7 बजे तक पढ़ाया जाता है। बङ्क्षठडा में अब 25 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा बिना किसी सहायता से बच्चों को कंप्यूटर व इंगलिश कोर्स भी करवाया जा रहा है।   

4 शहरों के बच्चों को दी शिक्षा
छोटी आयु में बड़े काम करने वाली लवप्रीत द्वारा पढ़ाई के साथ-साथ समाज सेवा को जारी रखा गया। गांव से मुफ्त शिक्षा देने का काम शुरू किया। इसके बाद उसने रतिया, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला में बच्चों की पढ़ाया व अब बठिंडा में गरीब बच्चों को पढ़ा रही है। लवप्रीत ने कहा कि उसका उद्देश्य गरीब ब‘चों को अंग्रेजी व कम्युनिकेशन में निपुण बनाना है ताकि वे भी अमीरों के ब‘चों जैसे अपना जीवन स्तर ऊंचा उठा सकें।


गुड्डू ने बदली सोच
लवप्रीत की सोच बदलने में गुडडू निवासी श्री फतेहगढ़ साहिब का मुख्य रोल है। लवप्रीत ने बताया बताया कि वह एक दिन गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के लिए गई तो अपने भाईयों समेत गुरुद्वारा में खेल रहे  प्रवासी गुड्डू ने बताया कि वह तीसरी कक्षा में पढ़ता है लेकिन उसको घर में पढ़ाने वाला कोई नहीं है। इस कारण वह अच्छी तरह से अपनी पढ़ाई नहीं कर सकता। इसके  बाद उसने गुड्डू की मदद से अन्य गरीब ब"ाों को पार्क में एकत्रित कर उन्हें मुफ्त पढ़ाना शुरू कर दिया गया।


100 से अधिक बच्चों को दे चुकी है शिक्षा
लवप्रीत ने वर्ष 2014 में समाजसेवा का यह कार्य शुरू किया । पहले पहल लवप्रीत ने गांव के गरीब ब"ाों को मुफ्त शिक्षा देनी शुरू की। इसके बाद बी.बी.ए. करने के लिए श्री फतेहगढ़ साहिब में चली गई। वहां ही उसने गरीब ब‘चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। अब तक वह 100 से अधिक ब‘चों को मुफ्त शिक्षा दे चुकी है। लवप्रीत द्वारा खुद गरीब बच्चों को कक्षाएं लगाने को तैयार किया जाता है वहीं अपने जेब खर्च में से उनको किताबें, स्टेशनरी आदि अपन मुहैया करवाती है। 

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