दिल्ली में महा किसान पंचायत का धरना 18 को

punjabkesari.in Friday, Mar 13, 2020 - 03:43 PM (IST)

बठिंडा(विजय): भाकियू लक्खोवाल ने केंद्र सरकार पर फलों व सब्जियों की खरीद न करने का आरोप लगाते हुए 18 मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है, जिसमें देशभर की किसान पंचायतें शामिल होंगी। प्रदेश उपाध्यक्ष सुरमुख सिंह सिद्धू व जिला उपाध्यक्ष हरमिन्द्र सिंह सेलबराह, लक्खोवाल ग्रुप ने कहा कि केन्द्र सरकार मंडी बोर्ड को खत्म कर सभी मंडियों को प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी कर रही है।

सरकार का यह फैसला किसानों को बर्बाद करने वाला होगा तथा किसानों के बैंक खाते लेकर आढ़तियों को भी बाहर का रास्ता दिखाने की कोशिश की जा रही है। कई दशकों से किसान व आढ़तियों का रिश्ता नाखुन-मांस का बना हुआ है। जब भी किसानों को पैसे की जरूरत होती है तो सबसे पहले वह आढ़ती के पास जाते हैं। अगर आढ़तियों को खत्म कर दिया गया तो किसानों के पास खाने के लिए पैसे तक नहीं होंगे जिससे उनकी हालत बेहद खराब होगी। केन्द्र सरकार प्राइवेट कम्पनियों को उत्साहित कर बैंकों द्वारा किसानों की जमीन हड़पने का षड्यंत्र रच रही है। ऐसे में किसान दिहाड़ी करने के लिए मजबूर होंगे। केन्द्र सरकार डा. स्वामीनाथन रिपोर्ट अनुसार सभी फसलों के दाम, खेती बीमा जैसे नीतियों पर गौर करे और किसानों को राहत दे। उन्होंने कहा कि 18 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महा पंचायत का धरना प्रदर्शन होगा, जिसमें किसान हितैषी, राजनीतिज्ञ पार्टियां, किसान संगठन, आढ़ती एसो. मिलकर शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष सुरमुख सिद्धू ने लावारिस पशुओं के पक्के हल के लिए 5 स्लाटर हाऊस खोलने की भी मांग की।

किसान यूनियन ने मांग की कि ओलावृष्टि व बेमौसम बरसात से किसानों के हुए नुक्सान की आपूर्ति हेतु विशेष गिरदावरी कर मुआवजा दिया जाए। उन्होंने अंदेशा जाहिर किया कि बेमौसम बरसात से फसलों के उत्पादन में कमी आएगी, इसलिए पंजाब सरकार 200 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं पर बोनस देने का ऐलान करे। पंजाब सरकार अपने वायदे अनुसार किसानों का कर्जा माफ करे, पराली जलाने संबंधी जो मामले किसानों पर दर्ज किए उन्हें खत्म करे। पंजाब में खसखस की खेती को मंजूरी दी जाए, लावारिस पशुओं व कुत्तों को संभालने का प्रबंध किया जाए। पंजाब पड़ोसी राज्य हरियाणा से 2,18,000 करोड़ रुपए पानी की कीमत वसूल करे। इस पैसे से किसानों का कर्जा भी माफ होगा और खजाना भी लबालब भरेगा। सरकार किसानों को मुआवजे की राशि 40 हजार रुपए प्रति एकड़ देने का ऐलान करे तथा वायदे अनुसार 6 हजार रुपए प्रतिमाह 58 वर्ष से ऊपर किसानों को देने का वायदा पूरा करे।

 

 


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