मीजल-रुबेला टीकाकरण: बठिंडा से टीकों के सैंपल भरकर कसौली लैबोरेटरी में जांच के लिए भेजे

punjabkesari.in Wednesday, May 09, 2018 - 10:20 AM (IST)

बठिंडा(परमिंद्र): बठिंडा जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों के किए गए मीजल व रुबेला टीकाकरण के बाद कई बच्चों की हालत बिगडऩे के चलते स्टेट टीकाकरण अधिकारी व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने बठिंडा का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान बच्चों को लगाई गई दवा तथा प्रयोग किए जाने वाले इंजैक्शनों के कई सैंपल भरकर उन्हें जांच के लिए सी.आर.आई. लैबोरेटरी कसौली में भेजा गया है। इसके साथ ही कुछ इलाकों से पानी के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को पूरा दिन इस मामले पर विचार-विमर्श किया व इस दौरान टीकाकरण मुहिम को बङ्क्षठडा शहरी इलाके में रोककर रखा गया। बङ्क्षठडा पहुंचे प्रदेश टीकाकरण अधिकारी डा. जी.बी. सिंह, सब रिजनल टीम लीडर डा.एस. श्री निवासन तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से डा. गोमती ने मीजल व रुबेला मुहिम की देखरेख कर रहे सिविल सर्जन डा. हरि नारायण सिंह व अन्य डाक्टरों के साथ बातचीत कर उनसे जरूरी जानकारियां लीं। इसके अलावा उन्होंने अस्पतालों में पड़े दवा के स्टॉक की भी जांच की तथा कोल्ड चेन आदि बरकरार रखने की हिदायतें दीं।

डा. जी.बी. सिंह ने बताया कि सैंपलों की रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि बङ्क्षठडा में टीकाकरण के बाद कुछ बच्चों को दिक्कतें आई थीं, लेकिन अब सभी बच्चे ठीक हैं व उन्हें घर भेज दिया गया है। कुछ समय के लिए मुहिम को बंद किया गया था, लेकिन आगे मुहिम जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि अब तक 10 लाख बच्चों का टीकाकरण हो चुका है व जल्द ही 100 फीसदी बच्चों को ये टीका लगाया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि उक्त टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित है व लोगों को सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. हरि नारायण सिंह, टीकाकरण अधिकारी डा. कुंदन कुमार पाल व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. सिंह ने बताया कि गांव जय सिंह वाला निवासी बच्ची गुरनूर कौर की मौत टीकाकरण के 28 घंटे के बाद हुई थी व उसकी मौत के लिए इस टीकाकरण को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता। उक्त बच्ची की मौत दस्त-उल्टियां लगने के बाद उपचार में हुई देरी के कारण हुई थी।

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