ऊभा में डायरिया के मरीजों की संख्या 290 के करीब पहुंची

punjabkesari.in Tuesday, May 01, 2018 - 05:17 PM (IST)

मानसा (मित्तल): मानसा जिले के गांव ऊभा में सीवरेज की पाइपें लीकेज होने व गंदा पानी वाटर वक्र्स की पाइपों में मिलने से डायरिया की बीमारी फैल जाने पर मरीजों की संख्या बढ़ कर 290 के करीब पहुंच गई है। 

 

वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चंडीगढ़ की लैबोरेटरी में पानी के भेजे पांचों सैंपलों की रिपोर्ट फेल आ गई है। ऊभा में इस बीमारी की जकड़ में आदमी व महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल हैं। यह मरीज डायरिया रोग के पीड़ित हैं जिन्हें  दस्त व उलटियां आ रही थीं और कई मरीजों की हालत काफी नाजुक हो गई थी जिन को बचाव के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गांव ऊभा से सिविल अस्पताल मानसा लाया जा रहा है। जहां प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं देकर कई मरीजों को डिस्चार्ज करके घर भेज दिया जा रहा है। अब तक जल सप्लाई महकमे द्वारा पानी के नमूने लेकर जांच की जा रही है, जबकि 2 सैंपल फेल होने की सूचना प्राप्त हुई है।

 

2 दर्जन स्थानों पर पाइपों में लीकेज होने के कारण मिक्स होता है सीवरेज का पानी
गांव ऊभा में करीब 650 वाटर सप्लाई के कनैक्शन हैं जिसमें 2 दर्जन स्थानों पर पाइपों में लीकेज की समस्या पाई गई है, जिसके कारण सीवरेज व नालियों का गंदा पानी वाटर सप्लाई की पाइपों में मिक्स हो गया है। इन वाटर सप्लाई की पाइपों में मिला गंदा पानी गांव के लोगों की तरफ से सेवन करने पर उनको डायरिया रोग ने जकड़ लिया, वास्तव में सीवरेज व वाटर सप्लाई की पाइपों की खस्ता हालत में हो चुकी हैं। इन पाइपों का नवीनीकरण करना समय की जरूरत है। गांव ऊभा के वाटर वक्र्स की पाइपों में गंदा पानी पडऩा यह पहली घटना नहीं।

 

इससे पहले पानी वाली टैंकी की जाली टूटी होने के कारण कबूतर आदि जानवर मर कर पाइपों में फंसे थे परन्तु विभाग के किसी भी अधिकारियों ने इस संबंध में बनती अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, जिस कारण अब लीक पाइपों में गंदा पानी मिलने कारण बीते 10 दिनों से गांव के लोग बीमारी के मुंह में जा फंसे हैं, परन्तु जिला प्रशासन व राजनीतिज्ञ या किसी भी सरकारी नुमाइंदे के पास मरीजों का हाल पूछने के लिए समय नहीं है।

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