पंचायती चुनाव का बजा नगाड़ा, इच्छुक उम्मीदवारों ने चुनाव अखाड़े में उतर कर ललकारा

punjabkesari.in Monday, Dec 17, 2018 - 11:30 AM (IST)

मानसा(मित्तल): बेशक  30 दिसम्बर को पंचायती चुनाव का नगाड़ा बजने  से सरपंची और पंची का चुनाव लडऩे वाले राजनीतिक पाॢटयों के इच्छुक उम्मीदवारों ने चुनाव अखाड़े में उतर कर ललकारा है। अभी से मानसा जिले के गांवों के लोगों ने जोड़-तोड़ कर मनपसंद उम्मीदवारों के नामजदगी पत्र भरने की कवायद शुरू कर दी है।  सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की संख्या अधिक दिखाई दे रही है। इसलिए कांग्रेस को बागी सुरों का सामना भी करना पड़ सकता है, क्योंकि टिकट से वंचित रह गए इच्छुक उम्मीदवार आजाद तौर पर सरपंची का चुनाव लडऩे के लिए चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। बेशक मानसा जिले अंदर गांवों में इन चुनाव को लेकर अभी तक कोई सर्वसम्मति न होने के चर्चे चल रहे हैं परन्तु दूसरे तरफ लम्बे समय से गांवों के सर्वपक्षीय विकास को तरस रहे गांवों के लोग साफ स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों को सरपंची का चुनाव लड़ाने के इच्छुक हैं। 

लाल परी ज्यादा चलने के आसार 
पंचायती चुनाव के बिगुल बजने से पहले ही सरपंची व पंची का चुनाव लडऩे वालों ने वोटरों की सेवा-पानी का प्रबंध करना शुरू कर दिया है। उन्होंने वोटरों व सपोटरों के लिए लंगर-पानी के साथ मुंह कड़वा करवाने के लिए लाल परी का प्रबंध करना शुरू कर दिया है। पंजाब अंदर शराब महंगी होने के कारण हरियाणा की शराब शीश महल और शहनाई की गूंजें पड़ सकती हैं। 

नशे बांटने वाले उम्मीदवारों का हो बायकाट 
इन चुनावों में यह भी सवाल खड़े हो रहा है कि क्या मानसा जिले के गांवों के वोटर इन चुनाव को निष्पक्ष ढंग से करवाने के लिए नशों का विरोध करेंगे। क्या सरपंची और पंची का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों का डोप टैस्ट होगा? क्योंकि इस समय पर पंजाब अंदर नशे गंभीर समस्या बने हुए हैं। इसलिए पंजाब को नशों से बचाने के लिए हमें गांव स्तर पर भी जमीनी लड़ाई लडऩा समय की मुख्य जरूरत बन गया है, क्योंकि यह हमारे गांवों की तरक्की के लिए बड़ा रोड़ा बन रहे हैं। पंजाब इस समय पर आर्थिक संताप भोग रहा है। इसलिए डोप टैस्ट महंगा होने के कारण गांवों के लोगों को नशों विरुद्ध लामबंद होकर इन चुनाव में नशे बांटने वाले उम्मीदवारों का बायकाट कर देना चाहिए।

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