जिले के प्राइवेट स्कूल बच्चें के प्रोग्राम करवाने के नाम पर कर रहे हैं मोटी कमाई

punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 01:27 PM (IST)

बठिंडा (आजाद): जिले में अंग्रेजी मीडियम के प्राइवेट स्कूल, जो आधुनिक शिक्षा देने का दावा करते हैं लेकिन इनके दावे अब खोखले साबित हो रहे है ,क्योंकि इनका उद्देश्य बच्चों को बेतहर शिक्षा देना नहीं रह गया है। इन्होंने मोटी कमाई करने के लिए स्कूल को एक दुकान में तबदील कर दिया है। 

यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए ये स्कूल हर रोज नई-नई स्कीम निकालते रहते हैं। आज इसी का नतीजा है कि इन स्कूलों में फीस के अलावा कभी सांस्कृतिक प्रोग्राम के नाम पर तो कभी फैस्टीवल के बहाने अभिभावकों से पैसा वसूलते हैं। इतना ही नहीं खेलकूद के कार्यक्रम पर भी पैसे की उगाही करते रहते हैं। इन  आयोजनों से अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बच्चों के अभिभावक परेशान हो रहे हैं लेकिन कोई विकल्प न होने के कारण अभिभावक प्राईवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हैं। सूत्रों की माने तो इन प्रोगामों के नाम पर एक बच्चे से करीब 500 से 700 रुपए तक वसूल लेते हैं।

ज्ञात रहे कि ये प्राइवेट स्कूल हर साल फीस में तो बढ़ौतरी करते रहते हैं ,साथ में तयशुदा दुकानों से किताबें खरीदने को मजबूर करते हैं और कभी चैरिटी, पिकनिक आदि को आधार बनाकर भी बच्चों के अभिभावकों से अतिरिक्त पैसे वसूलते हैं। इतना ही नहीं इन स्कूलों में अब प्रतियोगिताओं व फेयर का चलन बढ़ाया जा रहा है,जिसमें समय-समय पर एक से डेढ़ हजार रुपए खर्च होना आम बात है। किताब-कापी व स्कूल ड्रैस के अलावा स्कूलों ने प्रतियोगिताओं को भी कमाई का जरिया बना लिया है। वहीं स्कूल प्रतियोगिताओं या किसी फेयर के दौरान स्कूल प्रायोजक भी ढूंढ लेते हैं। एक अभिभावक ने बताया कि पिछले दिनों शहर स्थित एक स्कूल में फूड फैस्टीवल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। उनके दो बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते हैं इसलिए 500 रुपए एंट्री फीस के हिसाब से उन्हें 1000 रुपए देने पड़े। फीस वसूलने के लिए बच्चों को एक दिन पहले ही कह दिया जाता है। 

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