पंजाब भी भविष्य में राजस्थान की तरह बन सकता है मरुस्थल

punjabkesari.in Monday, Aug 20, 2018 - 04:52 PM (IST)

मानसा(जस्सल): पंजाब में भूमिगत पानी के लगातार गिर रहे स्तर व पानी के प्रदूषित होने से यह मुद्दा अब मानवता के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। यदि पंजाब में भूमिगत जल व कीटनाशक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग जारी रहा तो पंजाब भी भविष्य में राजस्थान की तरह मरुस्थल बन कर रह जाएगा।इस मुद्दे पर पंजाब के लोगों व पंजाब सरकार को बहुत गंभीरता से सोच-विचार करके तेजी से ठोस कदम उठाने की जरूरत है, नहीं तो यह मसला आने वाली पीढिय़ों के लिए अभिशाप बन जाएगा। 

पंजाब सरकार के सार्थक कदम 
पंजाब सरकार भूमिगत जल के लगातार गिर रहे स्तर व दूषित हो रहे पानी को बचाने के लिए सार्थक कदम उठा रही है। इस बारे गठित 5 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 46 दिनों के अंदर-अंदर पंजाब सरकार को देनी है। जल स्रोत विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट में पानी के गिरते स्तर को रोकने के लिए जो कदम उठाने की सिफारिशें की हैं, उस में गेहूं-धान के फसली चक्र को बदलने, कम पानी मांगने वाली फसलें बीजने, छप्पड़ों को फिर से बनाने आदि के साथ-साथ भूमिगत जल को रिचार्ज करने की व्यापक योजना तैयार करने की सिफारिशे शामिल हैं। 

किसान नेता का सुझाव 
किसान नेता बोध सिंह मानसा ने पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर कीमती सुझाव दिया कि बारिश से गलियों, नालियों में जमा पानी व फैक्टरियों से निकले पानी को ठोस व्यापक योजना बना कर रिचार्ज करने का प्रबंध किया जाए। इस संबंध में अभी तक किसी भी सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। यह कीमती सुझाव तुरंत ध्यान देने की मांग करता है। 

बारिश का पानी धरती के नीचे हो सकता है रिचार्ज 
बारिश का पानी जो गलियों व नालियों द्वारा निचले स्थानों या स्टोर टैंक, तालाबों में जाता है उसे भी रिचार्ज करने के लिए सरकारी तौर पर गहरे व बड़े बोर करके धरती नीचे इकट्ठा करने का प्रबंध किया जाए। इस तरह यह पानी दूषित होने से भी बच जाएगा और बीमारियों पर भी रोक लगेगी, साथ ही बड़ी स्तर पर धरती के नीचे पानी रिचार्ज होने से उस का स्तर ऊंचा उठेगा।

घरेलू पावर मोटर के पानी की कैसे हो संभाल
शहरों व गांवों में घरेलू पावर मोटर द्वारा निकाला जा रहा पानी नहाने, कपड़े धोने, फर्श धोने, पशुओं के नहाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो कि घरों में ही पानी निकालने वाले बोर की तरह बोर करके उसका सारा पानी धरती में डाला जाए। इस पर ठोस अमल करने के लिए घर में से पानी बाहर आने पर पाबंदी हो और उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की व्यवस्था हो, क्योंकि यह शुद्ध पानी ही गलियों, नालियों के द्वारा गंदे छप्पड़ में जाकर गंदा हो जाता है और यही पानी सीवरेज को ओवरफ्लो करता है। गलियों, सड़कों पर खड़ा यह पानी लोगों के लिए मुश्किलें पैदा करता है।

फैक्टरियां पानी शोधन कर फसलों को दें
रंगाई, गद्दा मिल, कागज मिल और शराब फैक्टरियां बड़े स्तर पर धरती में से पानी निकाल कर व उसे रसायनों द्वारा दूषित कर सरेआम नदियों, नालों व दरियाओं में डाल दिया जाता है, उनको सख्ती से रोका जाए। इस पानी को फैक्टरियां शुद्ध करें वइसे फसलें पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जाए या धरती के नीचे उन फैक्टरियों में रिचार्ज किया जाए। 

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