पुलिस का कारनामा : शराब तस्करी में बरामद कार कबाडि़ए को बेची

punjabkesari.in Friday, Nov 09, 2018 - 11:08 AM (IST)

बठिंडा (विजय): सी.आई.ए. स्टाफ ने 2 वर्ष पहले 20 डिब्बे शराब के साथ एक मारुति कार को बरामद किया था पर कोई आरोपी सामने नहीं आया तो पुलिस कर्मियों ने उक्त कार को 30 हजार रुपए में कबाडि़ए को बेच डाला। मामले का पर्दाफाश होते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कार को कबाडि़ए से बरामद कर लिया। 

जानकारी के अनुसार सी.आई.ए. स्टाफ ने लगभग 2 वर्ष पहले दिल्ली नंबर की कार (डी.एल. 3 सी.एल. 2485) को कब्जे में लेकर उसमें से 20 डिब्बे शराब के बरामद किए थे। पुलिस ने मौके से किसी को गिरफ्तार नहीं किया था जिस कारण यह कार सी.आई.ए. स्टाफ की शोभा बनी रही। अचानक दो दिन पहले कार सी.आई. से गायब हो गई और कार कोटश्मीर के नजदीक एक कबाडि़ए, जो वाहनों को काटकर उनके पुर्जे-पुर्जे अलग कर बेच देता है, के पास पहुंच गई। यह कबाडिय़ा भी अवैध धंधे में शामिल है। 

यह कार 30 हजार रुपए में कबाडि़ए ने खरीदी थी।  इसकी खबर लगते ही मीडिया ने जब उक्त कबाडि़ए से बातचीत तो उसने बताया कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसे यह कार 30 हजार में बेच गया। लेकिन वह मीडिया की संतुष्टि नहीं करवा सका। पता चला है कि कुछ पुलिसकर्मी उससे पगार के 5 हजार रुपए और ले गए। इस संबंधी जब आई.जी. से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस मामले को लेकर एस.एस.पी. डा. नानक सिंह ने कहा कि वह इस मामले की जांच करवाएंगे अगर कोई इसमें आरोपी पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी फिलहाल उन्होंने कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा। पता चला है कि थाना सदर पुलिस ने कार को बरामद कर पुन: लाकर सी.आई.ए. स्टाफ में खड़ा कर दिया। इस गोरखधंधे संबंधी पुलिस के कई अधिकारियों पर गाज गिरनी लाजमी है, क्योंकि अगर पुलिस ने कार बरामद की थी तो इसका मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया। कबाडि़ए के पास कार कैसे पहुंची यह भी एक बड़ा विष्य है। फिलहाल पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। 

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