बठिंडा में बारिश का कहर जारी

punjabkesari.in Sunday, Jul 21, 2019 - 10:17 AM (IST)

बठिंडा(विजय): मानसून की बारिश ने एक बार फिर बठिंडा पर बाढ़ का कहर बरपाया और पूरा शहर जलथल हो गया जिससे यातायात अवरुद्ध हुआ, दूरसंचार सेवाएं व बिजली सप्लाई प्रभावित हुई। बारिश से गलियों व घरों में पानी भर जाने से लोग घरों में नजरबंद होने के लिए मजबूर हुए। शनिवार को बङ्क्षठडा का मौसम दोपहर 1 बजे तक साफ था लेकिन अचानक 1.30 बजे बादल गरजने लगे और देखते ही देखते मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। लगभग 1 घंटा जोर से बारिश हुई जिससे निचले क्षेत्रों में 3 से 4 फुट तक पानी भर गया। 

55 एम.एम. बारिश ने एक बार फिर खोली नेताओं व नगर निगम की पोल 
55 एम.एम. बारिश ने ही नेताओं व नगर निगम की पोल खोल दी व उनके दावे झूठे साबित हुए कि बारिश के 2 घंटे बाद ही पानी निकाल दिया जाएगा लेकिन देर रात तक मुख्य मार्गों, गलियों व घरों में पानी जमा रहा। नगर निगम ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे 16 क्षेत्रों की पहचान की। जहां जलभराव की शिकायत आती है वहां मोटरों व पम्पों से पानी निकालने की व्यवस्था की गई थी। 

इन जगहों में बनी जलभराव से बाढ़ की स्थिति 
शहर की जी.टी. रोड, बस स्टैंड, फौजी चौक, हनुमान चौक में भी 3-3 फुट से अधिक पानी भर गया जिससे यातायात अवरुद्ध हो गया। पानी भरने से सड़कें जाम हो गईं जिससे वाहनों की लंबी लाइनें लग गईं। पावर हाऊस रोड, गणेशा बस्ती, सिरकी बाजार, पुराना थाना रोड, अमरीक सिंह रोड, वीर कालोनी, अजीत रोड, परस राम नगर, प्रताप नगर, अमरपुरा बस्ती, संगूआना बस्ती, संजय कालोनी व अन्य क्षेत्रों में जलभराव से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। 

गलियों व घरों में घुसा पानी, आशियाने व खाने को तरसे लोग
मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद भी जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। एक घंटे की बरसात दौरान लोग अपने आशियाने तक पहुंचने व खाने-पीने की वस्तुओं को तरसते नजर आए। 3 से 4 फुट पानी से गुजर कर सामान लेने के लिए मार्कीट जाना मुश्किल लगने लगा और लोगों ने घर पर पड़े सामान से गुजारा करने की कोशिश की। कई घरों में तो पानी घुस गया जिससे लोगों को पहली मंजिल पर बैठकर गुजारा करना पड़ा और उनका सामान भी पानी में बह गया।

दुकानों के गिरे छज्जे  
अमरीक सिंह रोड पर स्थित पुरानी इमारत में बनी दुकानों के छज्जे बारिश से धड़ाम से नीचे गिरे जिससे अफरा-तफरी मच गई। दुकानों की छतें भी कमजोर हो चुकी हैं जो  कभी भी गिर सकती हैं। ऐसी असुरक्षित इमारतों पर भी नगर निगम ने कोई संज्ञान नहीं लिया जिससे कभी भी जानमाल की हानि हो सकती है। 

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