सनी हिंदुस्तानी ने मुकाम हासिल कर मां के विश्वास को रखा कायम

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2020 - 11:06 AM (IST)

बठिंडा(विजय): बूट पालिश कर परिवार का पेट पालने वाले सन्नी हिंदुस्तानी ने सोनी टी.वी. सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल फिनाले में हुई प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त कर देश वासियों का जहां दिल जीता, वहीं उसने अपनी मां की उम्मीदों का विश्वास भी कायम रखा। मुम्बई में हुए फिनाले शो के दौरान रविवार देर रात जैसे ही सन्नी हिंदुस्तानी को विजेता घोषित किया गया तो पूरे देश में जश्न जैसा महौल बना यहां तक कि बठिंडा में दीवाली मनाई गई।
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सन्नी के फैन्स, रिश्तेदार, मित्र व पारिवारिक सदस्य फूले नहीं समा रहे थे जब उन्हें सन्नी हिंदुस्तानी के जीत की सूचना मिली। उसके फैन्स देर रात तक टी.वी. के आगे बैठे शो को देखते रहे और उनकी धड़कनें भी तेज होती रही जैसे ही टी.वी. एंकर ने सन्नी का नाम घोषित किया तो खुशी से सभी झूम उठे। उसको बधाई देने वालों में बडे़ टी.वी. कलाकार, फिल्मी जगत से जुड़ी हस्तियां, टी.वी. चैनल सहित देश भर के प्रसिद्ध संगीतकार के अलावा बडे़ नेता व संगीत प्रेमी शामिल हुए। यहां तक कि उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मोर्या सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी उन्हें बधाई दी। सन्नी के घर का माहौल भी किसी नजारे से कम नहीं था। घर के बाहर मेले जैसा महौल आस-पड़ोस के लोग खुशी से समाए नजर नहीं आ रहे थे। साथ ही उन्होंने परमात्मा का शुक्र किया, जिन्होंने एक बूट पालिश करने वाले को फर्श से अर्श तक पहुंचाया। उसके फैन्स में एक ही दिन में करोड़ों की संख्या में वृद्धि हुई। बठिंडा निवासी संजय मिंटू कपूर, गौरव वर्मा काकू, गौरव मित्तल, एड. गौरव अग्रवाल, संदीप वर्मा गोल्डी, गिरीश जिंदल, विकास वर्मा, विपलव अवी सहित अन्य ने कहा कि वह एक दिलदार किस्म का इंसान है और वह शरीफों की श्रेणी में आता है।
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अब पूरा ध्यान संगीत को करेंगे समर्पित
सन्नी हिंदुस्तानी ने कहा कि उसका सपना था कि वह एक दिन लोगों के दिलों में संगीत के माध्यम से राज करे और यह सपना रविवार को आयोजित इंडियन आइडल के ग्रैड फिनाले में पूरा हो गया है। अब वह अपना पूरा ध्यान संगीत को समर्पित करेगा।

ट्राफी की हकदार मेरी मां और वोट देने वाले लोग: सनी
खिताब जीतने के बाद सनी ने फोन पर कहा कि इस ट्राफी की हकदार मेरी मां और वोट देने वाले लोग हैं। मेरी मां ने आखिरी मौका न दिया होता तो आज मैं इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता। उसकी मां ने सन्नी को चेताया था कि अगर इस बार मौका हाथ से निकाल दिया तो वह उसे कभी भी संगीत में नहीं जाने देगी। इस तरह उसने अपने मां के विश्वास को कायम रखा और सपने को भी साकार किया। बेशक सन्नी ने जोस्फ स्कूल से पढ़ाई शुरू की थी लेकिन गरीबी बीच में आ गई और पढ़ाई छूट गई व पिता नानक का साया भी सिर से उठ गया।

आखिर उसे रोटी के लाले पडे़ तो किसी तरह पालिश की डिब्बी व 2 ब्रश खरीदे और पुराने से झोले में रखकर लोगों के जूते पालिश करने लगा। उसके अंदर संगीत का जज्बा था जिसने उसे जूते पालिश भी नहीं करने दिए और कुछ ही समय बाद उसने लुधियाना, चंडीगढ़, दिल्ली चक्कर लगाकर अपने सपने को साकार करने की कोशिश की। उसने होटलों व रैस्टोरैंट में गाना शुरू किया। पहले शो में उसे 300 रुपए मिले, जिससे वह खुश हुआ और आगे बढ़ता चला गया। उसका कहना है कि अगर उसे 300 रुपए न मिलते तो वह शायद यह मुकाम भी हासिल न कर पाता।

हौसला बढ़ाने के लिए बठिंडा से गए थे फैन्स
रविवार को जैसे ही शो का फाइनल शुरू हुआ तो शहर के लोगों ने सोशल मीडिया को सन्नी हिंदुस्तानी की फोटो से भर दिया। हर कोई अपने जानने वाले को सोशल मीडिया के जरिए सनी को वोट करने की अपील कर रहा था। सनी का हौसला बढ़ाने के लिए फाइनल शो से 2 दिन पहले ही सनी की मां, बहन, मामा और राजिंद्र मंगला व उसके फैन्स मुम्बई पहुंच गए थे।


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