स्वच्छ भारत अभियान भी नहीं बदल सका गांवों की दशा, जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर

punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2019 - 03:19 PM (IST)

बठिंडा (सुखविंद्र): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान भी गांवों की दशा नहीं बदल सका। जहां महानगर में सफाई पक्ष पहला दर्जा मिल चुका है वहीं प्रशासन व पंचायत की देखदेख न होने के कारण ’यादातर गांवों की हालत बद से बदतर बनी हुई है। 

गांवों में सफाई की कमी होने कारण जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। ऐसा ही नजारा गांव मेहता में भी देखने को मिल रहा है जहां छप्पड़ों के पानी को साफ करने के लिए ट्रीटमैंट प्लाट की देख-रेख न होने के कारण पानी पूरी तरह से गंदा हो चुका है व बदबू फैल रही है। सफाई न होने के कारण लोगों में बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन की देखरेख न होने कारण लोगों द्वारा तालाब व ट्रीटमैंट प्लांट पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं व छप्पड़ों को उपले सुखान, पशु बांधने व रूढिय़ां आदि के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। 

वाटर ट्रीटमैंट प्लांट भी हुआ बंद
देख-रेख में कमी होने के कारण गांव मेहता में छप्पड़ों के पानी को शुद्ध करने के लिए बनाया वाटर ट्रीटमैंट प्लांट बंद हो चुका है। प्रशासन द्वारा गंदे पानी को खेतों में इस्तेमाल करने योग्य बनाने के लिए वाटर ट्रीटमैंट प्लांट लगाया गया था। इससे शुद्ध किया पानी कुछ साल तक खेतों के लिए उपयोग किया जाता रहा परन्तु अब बंद हो चुका है। लोगों द्वारा उक्त ट्रीटमैंट प्लांट को उपले सुखाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों द्वारा उक्त स्थान पर रूढिय़ां लगाई जा रही हैं परन्तु अभी तक अधिकारियों द्वारा उक्त ट्रीटमैंट प्लांट की सफाई करवाना तक जरूरी नहीं समझा।

छप्पड़ों से उठने वाली बदबू से लोग परेशान
छप्पड़ों की सफाई न होने कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। तेज हवा के दौरान बदबू दूर तक फैल जाती है। जिस कारण आसपास रहते लोगों के लिए अधिक परेशानी का कारण बनती है। पंचायत विभाग व पंचायत की देखरेख न होने कारण लोगों द्वारा घरों की गंदगी को तालाब में फैंका जा रहा है जिस कारण तालाब में लिफाफों, गोबर, कचरा, प्लास्टिक आदि के ढेर लगे हुए हैं। तालाब किनारे रहते लोगों खास कर ब"ाों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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