अध्यापकों ने किया चक्का जाम, फूंका सरकार का रावण रूपी पुतला

punjabkesari.in Friday, Oct 19, 2018 - 10:08 AM (IST)

बठिंडा: पंजाब सरकार की ओर से अध्यापकों के वेतन कम करने की बनाई गई नीति के विरोध में गुरुवार को सैंकड़ों अध्यापक सड़कों पर उतर आए। अध्यापकों ने हनुमान चौक में न केवल चक्का जाम किया बल्कि सरकार का रावण रूपी पुतला फूंका।

इस मौके पर अध्यापकों ने सांझा अध्यापक मोर्चा के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके अपने गुस्से का इजहार किया। इस प्रदर्शन में अध्यापकों के अलावा बड़ी संख्या में किसानों, मजदूरों, विद्यार्थियों, मुलाजिमों व अन्य सार्वजनिक संगठनों के वर्करों ने भी शिरकत की। इस दौरान मोर्चा के जिला कन्वीनरों रेशम सिंह जंडावाला, जगतार सिंह बाठ, लक्ष्मण सिंह मलूका व हरमीत सिंह बराड़ ने कहा कि सरकार तुरंत अध्यापकों के वेतन कम करने का फैसला वापस ले। अगर सरकार ने ऐसी शिक्षा विरोधी नीतियों को जारी रखा तो एक दिन सभी अध्यापक सड़कों पर आने को मजबूर हो जाएंगे।

ये हैं अध्यापकों की मांगें
-अध्यापकों रैगूलर कर उन्हें बनते सभी लाभ दिए जाएं 
-10 सालों से सेवाएं निभा रहे शिक्षा प्रोवाइडरों को भी पक्का किया जाए।
-मुलाजिमों की डी.ए. की बकाया किस्तें तुरंत जारी की जाएं।
-सरकारी शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने की नीति रद्द की जाए।
-स्कूलों में रिक्त पड़े सभी पदों को भरा जाए।

70 से अधिक अध्यापकों ने किए सम्मान वापिस
विभिन्न जगहों पर सम्मानित किए गए 70 से अधिक अध्यापकों ने पंजाब सरकार के उक्त फैसले के विरोध में अपने सम्मान व प्रशंसा पत्र वापस कर दिए। उन्होंने अपने अवार्ड व प्रशंसा पत्र जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दिए। कई अन्य अध्यापकों ने भी अपने सम्मान वापस करने का ऐलान किया। अध्यापकों ने कहा कि सरकार लगातार अध्यापक विरोधी फैसले ले रही है व ऐसे में उनके इन सम्मानों का कोई महत्व नही रह जाता। इस अवसर पर सांझा अध्यापक मोर्चा के नेताओं ने इन सभी साथियों के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अध्यापकों के साथ किसी प्रकार की धक्केशाही सहन नहीं की जाएगी व पटियाला में मरनव्रत पर बैठे अध्यापकों का डटकर साथ दिया जाएगा।

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