थैलेसीमिया पीड़ितों को HIV पॉजिटिव खून चढ़ाने का मामला: बाल राज्य आयोग समक्ष पेश हुई पुलिस

punjabkesari.in Wednesday, Dec 02, 2020 - 02:15 PM (IST)

बठिंडा(विजय): थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों व एक महिला को बिना जांच एच.आई.वी. पॉजिटिव खून लगने के मामले में पंजाब सरकार की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मंगलवार को पंजाब राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग ने बठिंडा पुलिस के अधिकारियों को चंडीगढ़ तलब किया गया। थाना कोतवाली प्रभारी दविंद्र सिंह व सिविल अस्पताल चौकी इंचार्ज रमन कौर ने आयोग के समक्ष पेश हुए। आयोग ने सवाल किया 8 साल के बच्चे व महिला को संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

अस्पताल में तैनात रहे पूर्व बी.टी.ओ. बलदेव सिंह रोमाणा के विरुद्ध मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया अन्य पर ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने निर्देश जारी किए कि पुलिस इन लोगों पर बनती कार्रवाई करे जिसके लिए सिविल सर्जन का सहयोग लिया जाए।  सिविल अस्पताल में अब तक चार थेलेसीमिया पीड़ित बच्चों व एक महिला को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आयोग को बताया सिविल सर्जन व एस.एम.ओ. की तरफ  से जिन मामलों में कार्रवाई रिपोर्ट पुलिस के पास पेश की गई उन पर एफ .आई.आर. दर्ज की जा चुकी है। वहीं पुलिस सिविल अस्पताल प्रबंधन ने दोनों मामलों की जांच रिपोर्ट मांगेगी व इसमें जांच कर बनती कार्रवाई की जाएगी। गत 26 नवम्बर को पंजाब राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग के चेयरमैन रजिंद्र सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में सिविल अस्पताल के अधिकारियों व ब्लड बैंक में तैनात कर्मियों की लापरवाही को उजागर किया था व इसमें अधिकारियों को ताडऩा कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट 20 दिनों में देने के लिए कहा था। इसमें आयोग के समक्ष सिविल अस्पताल प्रबंधन ने 17 दिसम्बर तक दोनों पक्षों में रिपोर्ट तैयार करने के साथ इसमें दोषी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई करनी है।

‘ब्लड बैंक में अतिरिक्त कर्मी तैनात’
 इसी कड़ी में गत दिनों सिविल सर्जन अमरीक सिंह सिद्धू ने भी सिविल अस्पताल ब्लड बैंक का दौरा कर वहां रिकार्ड की जांच की थी। वहीं ब्लड बैंक में अतिरिक्त कर्मी की तैनाती करने के साथ सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए है। इससे पहले लगातार आ रहे लापरवाही के मामलों को रोकने के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरों को भी ब्लड बैंक की लुकेशन में लगाया जा चुका है। 

‘1 और आरोपित महिला लैब तकनीशियन पर  मामला दर्ज’
एच.आई.वी. संक्रमित रक्त चढऩे के मामले में बङ्क्षठडा पुलिस ने एक ओर आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने पहले दर्ज हुए मामले में दूसरे आरोपित रिचा गोयल को नामजद कर लिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस प्रशासन ने डीए लीगल से राय लेने के बाद मामले में आरोपित कांट्रेक्ट पर काम करने वाली महिला लैब तकनीशियन (एल.टी.)पर यह कार्रवाई की है। फिलहाल जिसे मामले में नामजद किया गया है, उसकी गिरफ्तारी होनी बाकी है। मामले में तीसरी आरोपित उस समय की ब्लड बैंक इंचार्ज महिला डाक्टर पर अभी कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि सेहत विभाग उसे नौकरी से बर्खास्त कर चुका है।

‘रिपोर्ट आने के बाद पुलिस कार्रवाई करेगी : एस.एस.पी.’
एस.एस.पी. भूपिंद्रजीत सिंह विर्क का कहना है कि सिविल अस्पताल अधिकारियों से मामले की रिपोर्ट मांगी गई है और रिपोर्ट आने के बाद पुलिस कार्रवाई करेगी। उन्होंने माना कि पुलिस के दो अधिकारी आज चंडीगढ़ स्थित पंजाब रा’य बाल आयोग के समक्ष पेश हुए जिसमें अन्य आरोपियों पर भी एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश जारी किए। 

‘600 एच.आई.वी. टैस्ट किटें का मसला भी उभरा’ 
आयोग ने पूछा  600 एच.आई.वी. टैस्ट कीटों को बाहर से मंगवाकर स्टाक में रखने के मामले में आज तक जांच का दायरा क्यों नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने निर्देश जारी किए दोषियों की तलाश कर उन पर कार्रवाई की जाए। गौर है कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को एच.आई.वी. रक्त देने का पर्दाफाश हुआ था तो उसी दिन स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों ने ब्लड बैंक की जांच शुरू की थी। रक्त की किटे जिस अलमारी में थी उस पर ताला लगा हुआ था तो सी.एम.ओ. ने ताला तोडऩे के निर्देश जारी दिए तभी वहां मौजूद कर्मचारी ने कहा था कि वह घर से चाबी लेकर आ रहा है। चाबी के बहाने वह बाजार से 600 किट्टें खरीदकर लाया और अलमारी में आनन-फानन रख दी जिसे लेकर काफी हल्ला भी हुआ था। लेकिन इसमें कई अधिकारी भी फंसते थे जिस कारण मामले को दबा दिया गया था परंतु अब वह मामला पुन: उजागर होगा। 


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