झीलों के शहर से मशहूर बठिंडा में खत्म होगा झीलों का अस्तिव

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 03:46 PM (IST)

बठिंडा (विजय): पंजाब की कैप्टन सरकार की नजरे अब बठिंडा की जमीनों पड़ चुकी है जिससे 2500 करोड़ रुपए  से अधिक एकत्रित करने में सरकार सिविल लाईन के साथ अब थर्मल प्लांट को भी दाव पर लगाने का फैसला कर चुकी है और इसकी 1764 एकड़ भूमि बेचने के लिए सरकार ने सोमवार को कैबिनेट के फैसले के बाद मोहर लगा दी। मुख्य मंत्री के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। ऐसे में झीलों के शहर से मशहूर बठिंडा में झीलों का अस्तिव खत्म हो जाएगा और गुरू नानक देव थर्मल प्लांट की चिमनियों का अस्तिव भी खत्म हो जाएगा। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल दिल खोलकर बठिंडा में विकास के लिए फंड मुहैया करवा रहे है जबकि लोगों का कहना है कि 50 करोड़ रुपए देकर 2500 करोड़ रुपए अर्जित करने पर सरकार की मोहर लग चुकी है। ऐसे में थर्मल प्लांट की बेहद कीमती जमीन बेचने का रास्ता साफ हो गया जबकि 13 फरवरी में चुपचाप यह जमीन पुड्डा को तबदील कर दी गई थी। 1970 के दशक में बने थर्मल प्लांट की निशानी अब थर्मल की राख में ही मिल जाएगी।

80 प्रतिशत जमीन में पॉवरकाम हिस्सेदारी, 20 प्रतिशत लाभ मिलेगा पुड्डा को
पुड्डा के साथ हुए करार में 80 प्रतिशत जमीन में पॉवरकाम की हिस्सेदारी होगी जबकि 20 प्रतिशत का लाभ पुड्डा को मिलेगा। पुड्डा इस जमीन पर इंडस्ट्रीयल पार्क बनाएंगी ओर इसे कर्मशीयल दरों पर बेचा जाएगा।  इसमें 220 एकड़ रेलवे और 250 एकड़ थर्मल क्षेत्र की जमीन है। 850 एकड़ जमीन में राख डम्प है जब कि 280 एकड़ क्षेत्रफल में थर्मल कालोनी है। इस के इलावा 164 एकड़ क्षेत्रफल पर 3 झीलें बनी हुई है जिनमें बच्चे बोटिंग का आनंद भी लेते है। 

सोलर प्लांट की योजना भी गई खटाई में 
पॉवरकॉम ने थर्मल की जगह पर सोलर प्रोजैक्ट की भी बनाई थी योजना। उस के बाद में पराली पर एक यूनिट चलाए जाने की बात भी चली थी। सरकार ने किसी की नहीं चलने दी। बठिंडा प्रशासन की तरफ से सिविल लाईन एरिया में पड़ती सरकारी कोठियां को खाली करके अधिकारी थर्मल कालोनी में शिफ्ट किये जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सिविल लाईन एरिया के बड़े क्षेत्रफल का भी सरकार मूल्य वसूलना चाहती है जिससे खजाना भरा जा सके। गुरू नानक देव थर्मल पलांट इम्पलायज फेडरेशन के प्रधान गुरसेवक सिंह संधू का कहना हैं कि थर्मल केवल औद्योगिक प्रोजैक्ट नहीं थी बल्कि बठिंडा की विरासत है जिस को मिटाने के रास्ते सरकार पड़ गई है।


पहले चरण में 250 एकड़ को विकसित करेगा पुड्डा
पुड्डा की तरफ  से प्राथमिक पड़ाव पर 250 एकड़ क्षेत्रफल को विकसित किया जाना है जिस के लिए 100 करोड़ रुपए की जरूरत है। पुड्डा ने 100 करोड़ रुपए का लोन लेने का फैसला किया है जिस पर गारंटी पंजाब सरकार की तरफ  से डाली जाएगी। चार वर्ष में यह लोन वापिस करना होगा। पुड्डा अधिकारी कहते हैं कि उन के पास करीब 3400 करोड़ की विक्री वाली जायदादें हैं परंतु मंदा होने के कारण अभी बिक नहीं रही हैं। गौर हो कि पंजाब सरकार ने साल 1968.69 में थर्मल के लिए गांव सिविया, जोगानन्द, कोठे कामेके, कोठे सु‘चा सिंह आदि गांव की जमीन एक्वायर की थी। किसानों को प्रति एकड 10 हजार रुपए मुआवजा दिया गया था। अब इन किसान परिवार के वारिस कहते हैं कि अगर थर्मल नहीं चलाना तो जमीनें वापिस की जाएं। नौजवान नेता रजिन्दर सीवियां ने कहा कि ग्रामीण लोगों ने जनतक प्रोजैक्ट के लिए जमीनें दीं थीं, न कि कालोनियां काट कर बेचने के लिए।

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