शहर में जल संकट बरकरार, नहीं मिली राहत

punjabkesari.in Monday, Dec 17, 2018 - 05:28 PM (IST)

बठिंडा(विजय): नहर बंदी के चलते बठिंडा की शहरी आबादी में जल संकट एक महीना गुजरने के बाद भी बरकरार है। जिला प्रशासन ने दावा किया था कि 16 दिसम्बर तक पानी नहर में पहुंच जाएगा व घरों में सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। 16 दिसम्बर को नहर में पानी होने से लोगों में पानी को लेकर हाहाकार मची हुई है। पीने वाले पानी के लिए या तो लोगों को आर.ओ. से पानी मिल रहा है जो सुबह 11 बजे तक ही चलता है। जबकि उसके बाद बोतलों के पानी का सहारा लेना पड़ता है।

17 नवम्बर से है नहर बंद 
17 नवम्बर से नहर बंदी चली आ रही है। जल सप्लाई विभाग द्वारा लोगों की जरूरत अनुसार पानी का भंडार भी करने का दावा किया था लेकिन पानी के भरे तालाब कुछ ही दिनों में खाली हो गए, जिससे विभाग द्वारा पानी की राशनिंग कर दी गई। 17 नवम्बर के बाद 2 घंटे सुबह व 2 घंटे सायं को पानी छोड़ा जाता था लेकिन यह मामला 10 दिन ही चला उसके बाद केवल एक समय पानी सुबह 4 से 5 बजे तक छोड़ा जाता था, जिसका लोगों को पता भी नहीं चलता था। जलापूर्ति विभाग ने दावा किया था कि 7 दिसम्बर के बाद पानी की कोई दिक्कत नहीं रहेगी लेकिन उसके बाद 5 दिन फिर बढ़ा दिए गए और कहा गया कि 13 दिसम्बर को पानी छोड़ दिया जाएगा परन्तु पानी फिर भी नहीं छोड़ा गया। अब कहा जा रहा है कि 18 दिसम्बर से पहले पानी की समस्या का कोई हल संभव नहीं। 

पानी आने में हो सकती है देरी: एक्सियन जी.पी. सिंह
जिलाधीश परनीत का कहना है कि 16 दिसम्बर को पानी नहर में आ जाएगा और संकट खत्म हो जाएगा। इस संबंध में सरकारी प्रैस नोट भी जारी हुआ था, जिसमें स्पष्ट किया गया कि भाखड़ा से पानी छोड़ दिया गया है और 16 को पानी पहुंच जाएगा। जलापूर्ति विभाग के एक्सियन जी.पी. सिंह का कहना है कि 18 दिसम्बर से पहले किसी कीमत में पानी नहर में नहीं पहुंच सकता। बेशक उन्होंने माना कि भाखड़ा से पानी छोड़ दिया गया है, जो रोपड़ तक आ गया है। उसके बाद नहर में कुछ बांध लगे हुए हैं, जिससे पानी आने में कुछ देरी हो सकती है। ऐसे में जिलाधीश व एक्सियन के परस्पर विरोधी बयानों को लेकर लोगों में पानी संकट को लेकर भय बरकरार है।

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