विश्व पृथ्वी दिवस 2018 का थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण का अंत’

punjabkesari.in Sunday, Apr 22, 2018 - 01:42 PM (IST)

बठिंडा(आजाद): 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। दरअसल पृथ्वी एक बहुत व्यापक शब्द है, इसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जुड़े अन्य कारक भी शामिल हैं। धरती को बचाने का आशय है, इन सभी की रक्षा के लिए पहल करना लेकिन न तो इसे लेकर कभी सामाजिक जागरूकता दिखाई गई और न ही राजनीतिक स्तर पर कभी कोई ठोस पहल की गई। 

शहर वासी व प्रशासन पृथ्वी संरक्षित करने को लेकर बेपरवाह ही रहते हैं। सामाजिक रूप से भी जागरूकता फैलाने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रही। यहां तक कि पृथ्वी दिवस को मनाने के लिए हर साल एक थीम तय किया जाता है और इसी थीम को आधार बनाकर लोगों को जागरूक किया जाता है। इस बार यानी साल 2018 की थीम है, प्लास्टिक प्रदूषण का अंत लेकिन जिस तरह बिना रोकटोक के प्लास्टिक का प्रयोग लोगों द्वारा किया जा रहा है, उससे नहीं लगता कि  प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने में सफलता इतनी जल्दी मिल सकती है। 

भूमि की उर्वरक क्षमता को खत्म करता है प्लास्टिक 

प्लास्टिक सबसे बड़ी समस्या है जिसके कारण यह भूमि की उर्वरक क्षमता को खत्म कर रही है। साथ ही भूजल को भी दूषित कर रही है। इसको जलाने पर निकलने वाला धुआं ओजोन परत को भी नुक्सान पहुंचाता है, जोकि ग्लोबल वाॄमग का मुख्य कारण है। इस समय विश्व में हर साल प्लास्टिक का उत्पादन 10 करोड़ टन के लगभग है और इसमें हर साल 4 प्रतिशत की बढ़ौतरी हो रही है। भारत में हर साल लगभग 500 मीट्रिक टन पॉलिथीन का निर्माण होता है लेकिन इसकी एक प्रतिशत से भी कम रिसाइक ङ्क्षलग हो पाती है। देश में हर साल लाखों पशु-पक्षी प्लास्टिक के कचरे से मर जाते हैं। 

प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी

पर्यावरण संरक्षण एक्ट की धारा 5 (सी) के तहत पॉलिथीन की जब्त सूची तैयार करने के साथ-साथ प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है लेकिन अब तक निगम प्रशासन पॉलिथीन के एक भी कारोबारी पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सका है, क्योंकि पिछले दो सालों में कोई भी कार्रवाई नगर निगम बठिंडा की तरफ से नहीं हुई है। पिछले महीने पंजाब केसरी से बातचीत में ऋषिपाल सिंह का कहना था कि कुछ ही दिनों में पॉलीथीन को रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है। 

पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने में नगर निगम नाकाम 

पॉलिथीन के बढ़ते दुष्प्रभावों को देखते हुए रा’य सरकार ने पॉलिथीन पर तो प्रतिबंध लगा कर अपनी शक्रियता का परिचय दिया है, लेकिन नगर निगम समेत जिम्मेदार लोग किसी ने अभी तक इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इस कारण आज भी पॉलिथीन का उपयोग पूरे बङ्क्षठडा में बदस्तूर जारी है। दरअसल नगर निगम बङ्क्षठडा के उदासीनता की वजह से अभी तक कोई कार्रवाई न करने के कारण दुकानदार जहां पॉलिथीन में ही ग्राहकों को सामान दे रहे हैं। वहीं आम लोग भी इसे लेकर जागरूक नहीं हो पाए हैं। 

क्यों मनाया जाता है पृथ्वी दिवस 

औद्योगिकीकरण के बढऩे और वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है। पर्यावरण के प्रदूषण के कारण कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं जिसकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। पर्यावरण की विनाश की बढ़ती समस्या के बारे में आम लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल मनाया जाता है। दैनिक जीवन में लोगों को छोटे-छोटे कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है ताकि पृथ्वी को बेहतर जीवन जीने योग्य बनाया जा सके। 

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