छोटेपुर के घर पहुंचे ‘आप’ दिल्ली हाईकमान के ‘संदेशवाहक’

punjabkesari.in Monday, Sep 17, 2018 - 11:06 PM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाब में बिखरती जा रही आम आदमी पार्टी ने ‘झाड़ू’ के ‘तिनकों’ को जोडऩे का प्रयास शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में हाईकमान के निर्देश पर पंजाब के नेताओं ने पूर्व कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर से संपर्क साधा है। हालांकि अभी छोटेपुर ने कोई निर्णय नहीं लिया है लेकिन स्पष्ट किया है कि फिलहाल वह वापसी के लिए तैयार नहीं हैं। छोटेपुर ने दिल्ली के संदेशवाहकों को काफी खरी-खोटी सुनाई है और अपने अपमान व राज्य के नुक्सान पर कई सवाल दागे जिनके जवाब मिलने के बाद ही आगे कदम उठाएंगे।

सूचना मुताबिक विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के बदले पैसे के संगीन आरोप लगा पार्टी से निकाले गए पूर्व पंजाब प्रधान सुच्चा सिंह छोटेपुर की घर वापसी के लिए दिल्ली हाईकमान के संदेशवाहकों ने छोटेपुर की मोहाली स्थित रिहायश पर मुलाकात की। इनमें नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा, डा. बलबीर सिंह, विधायक बरजिंद्र कौर, पार्टी प्रत्याशी और संजय सिंह के करीबी करनबीर सिंह टिवाना व मनजीत सिंह बिट्टी भी शामिल थे।

बैठक बारे छोटेपुर ने कहा कि करन टिवाना ने फोन कर मिलने की बात कही थी।  छोटेपुर ने कहा कि हमारे संस्कार हैं कि घर आए दुश्मन को भी वापस नहीं भेजते, यह तो पुराने साथी थे। पूछने पर टिवाना ने कहा था कि हाईकमान ने ड्यूटी लगाई है कि आपसे मिलकर ‘घर वापसी’ संबंधी बात की जाए।

छोटेपुर ने कहा कि हालांकि जख्म हरे हैं लेकिन संस्कारों का ध्यान रख सारी बातें उनके सामने रख दी गई हैं कि कैसे दिल्ली के नेताओं ने झूठे आरोप लगा न सिर्फ निजी तौर पर चोट और दुख पहुंचाया, बल्कि गैर-जरूरी कदम ने राज्य और बदलाव चाह रहे करोड़ों पंजाबियों के इरादों को ठेस पहुंचाई है। सभी को पता है कि इस फैसले ने पूरी मूवमैंट का कत्ल कर दिया।

विरोध होने पर हाईकमान का रुख पड़ा नरम
गौरतलब है कि जुलाई माह दौरान सुखपाल खैहरा को नेता विपक्ष पद से हटाने के बाद से पंजाब आम आदमी पार्टी के भीतर हलचल मची हुई है। खैहरा के साथ 7 विधायकों की ओर से डटकर खड़े होने के बाद हाईकमान का भी रुख नरम पड़ा है। शायद यही कारण है कि हाईकमान विरोध करने वाले हर कार्यकर्ता की बात सुनना चाहती है।

जवाब मिलने पर उठाएंगे अगला कदम
छोटेपुर ने कहा कि उन्होंने कई बातें सांझा की हैं, जिनमें हाल ही में बठिंडा में सुखपाल खैहरा और अन्य नेताओं की वालंटियर कन्वैंशन में पारित प्रस्तावों की बात भी शामिल है। उनके घर पहुंचे नेता फैसला लेने की स्थिति में नहीं थे, इसलिए कह दिया गया कि बात हाईकमान तक पहुंचा दी जाए। उनकी बातों पर पुख्ता जवाब मिलेगा तो ही वह साथियों के साथ बात करके अगला कदम उठाएंगे। 

Des raj