पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएं: आप

punjabkesari.in Thursday, Nov 28, 2019 - 05:15 PM (IST)

चंडीगढ़- आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मामले तुरंत खारिज करने की मांग की है। पार्टी की आज यहां जारी विज्ञप्ति में किसान विंग के प्रधान कुलतार सिंह संधवां, मीत हेयर और रुपिन्दर कौर रूबी ने कहा कि राज्य में पराली जलाने के आरोप में हजारों किसानों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिए गए हैं जो सरासर धक्का और एकतरफा कार्रवाई है। सच तो ये है कि इस मामले में राज्य तथा केंद्र सरकारें बराबर की जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि न तो पार्टी धान के अवशेष जलाने के हक में है और ना ही खुद किसान पराली जलाना चाहता है। 

पराली को आग लगाना किसान की मजबूरी और बेबसी है, क्योंकि सरकारों ने किसानों की सहायता नहीं की। किसान विरोधी नीतियों के कारण कृषि को घाटे का धंधा किसानों ने नहीं, बल्कि सरकारों ने बनाया है। यदि सरकारें महंगाई की दर मुताबिक फसलों के लाभदायक मूल्य देती होती तो खेती संकट इस कदर न बढ़ता। किसान प्रति एकड़ 6-7 हजार रुपए खर्च कर पराली का निपटारा करने की गुंजाइश भी गंवा बैठा है। मीत हेयर ने कहा कि स्वामीनाथन सिफारिशें लागू करने से भागी सरकार पराली न जलाने के लिए क्या प्रति क्विंटल 200 रुपए का बोनस भी नहीं ऐलान सकती। पर्यावरण को शुद्ध रखने की जिम्मेदारी सिफर् किसान की ही है, जो पहले ही कर्ज के कारण आत्महत्याएं करने के लिए मजबूर किया हुआ है। 

आप नेताओं ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों को धता बताकर सरकार ने किसानों के विरुद्ध पर्चे दर्ज करने की अंधाधुन्ध मुहिम शुरू कर रखी है, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें दिशा-निर्देशों अनुसार किसानों को अपेक्षित मशीनरी और बनती सुविधा और वित्तीय सहायता देने में पूरी तरह फेल और गैर-जिम्मेदार रही हैं। ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं कि जिन किसानों ने पराली को आग न लगा कर आधुनिक मशीनरी और भारी खर्च कर पराली को खेत में ही दफन कर दिया है, उनके खेतों में फंगस पैदा हो रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से ऐसे मामले की गंभीरता के साथ पहचान करके तुरंत सहायता और दवाएं किसानों को उपलब्ध करवाने की मांग की।


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Vaneet

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