बादल परिवार और प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ जमीनों के गबन को लेकर कोर्ट में क्रिमीनल कम्पलेंट दाखिल

punjabkesari.in Saturday, Aug 15, 2020 - 06:21 PM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल व सांसद हरसिमरत कौर बादल सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों और बिल्डरों के खिलाफ डेराबस्सी हलके की 100 एकड़ से भी अधिक शामलात जमीन को उद्योगपतियों व बिल्डरों को बेचकर 500 करोड़ से अधिक का गबन करने के आरोप लगाते हुए एडवोकेट हरङ्क्षबद्र सिंह बैदवान ने डेराबस्सी की ज्यूडीशियल कोर्ट में क्रिमीनल कम्पलेंट दाखिल कर मामले में एफ.आई.आर. दर्ज कर विजीलैंस जांच की मांग की है। कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को 25 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया है।

याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2007 में पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की सरकार आने के बाद डेराबस्सी तहसील के नगला गांव में गांव की शामलात जमीन सरकार ने सुखना पेपर मिल को बेच दी थी। जिसे कंपनी के नाम करने के लिए नियमों तक में बदलाव किए गए। बाद में उक्त जमीन जिस पर किसानों का हक था, उसकी पंजाब सरकार व सुखना पेपर मिल के बीच कन्वेंस डीड भी हुई। जमीन को बाद में किसी और ने मात्र एक करोड़ 51 लाख में खरीद लिया। चंद माह बाद यही जमीन शिप्रा बिल्डर्स को 104 करोड़ 24 लाख में बेच दी गई। यही जमीन शिप्रा बिल्डर्स ने आगे कई बड़ी बिल्डर्स कंपनियों को बेच दी। जमीन पर कमॢशयल व हाऊसिंग प्रोजैक्ट शुरू करने के लिए कंपनी ने चेंज ऑफ लैंड यूज के लिए अप्लाई किया। 

बादल सरकार ने 26 फरवरी 2009 को 1170 एकड़ जमीन का सी.एल.यू. कर दिया। सरकार की मिलीभगत से पर्दा हटाने के लिए अवतार सिंह नामक व्यक्ति ने पेड़ पर चढ़कर भूख-हड़ताल की थी, जिसे मीडिया ने खूब दिखाया था। जिसके बाद डी.सी. मोहाली ने जमीनों के गबन को लेकर जिला राजस्व अधिकारी को मामले की जांच सौंपी थी। जिन्होंने जांच रिपोर्ट में बताया था कि पब्लिक  प्रॉपर्टी को गैर-कानूनी तरीके से बेचा गया है। याची ने आरोप लगाया कि उक्त रिपोर्ट को बाद में खुर्द-बुर्द कर दिया गया जोकि आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।  याचिकाकर्ता ने मामले में एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने और स्टेट विजीलैंस से मामले की जांच करवाए जाने की मांग की है।

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