घर में बैठ कर चला रहा था IRCTC की फर्जी एजैंसी, गिरफ्तार

punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2019 - 03:46 PM (IST)

लुधियाना,(गौतम): चंडीगढ़ रोड पर जमालपुर इलाके में घर में बैठ कर आई.आर.सी.टी.सी. की फर्जी एजैंसी चलाने वाले युवक को रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने वीरवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने एक साल में 131 फर्जी आई.डी. बना कर करीब 28 लाख रुपए की 1900 के करीब टिकटें बना कर बेच दी थीं। रेड के दौरान पुलिस ने आरोपी के कब्जे से रिजर्व करवाई गई करीब 34 हजार रुपए के मूल्य की 29 टिकटें बरामद की। पुलिस ने आरोपी का लैपटॉप, कंप्यूटर व अन्य सामान भी बरामद कर लिया। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया।

आरोपी राकेश कुमार जमालपुर इलाके का रहने वाला है। इंस्पैक्टर अनिल कुमार ने बताया कि आर.पी.एफ. की साइबर सैल की टीम ने जांच के दौरान पता लगाया था कि आरोपी पिछले काफी समय से फर्जी आई.डी. बना कर आई.आर.सी.टी.सी. की वैबसाइट से टिकट बुक करवा रहा है। दिल्ली की टीम ने उन्हें सूचित किया और उन्होंने कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी। तलाश के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी जमालपुर इलाके से काम कर रहा है। सब इंस्पैक्टर हरविंदर सिंह की टीम को गठित कर भेजा गया तो टीम ने आरोपी को काबू कर लिया। आरोपी से बिहार, यू.पी., गुवाहटी व अन्य स्टेशनों के लिए बुक करवाई गई रिजर्व व तत्काल टिकटें बरामद की। आरोपी ने शुरूआती पूछताछ के दौरान बताया कि फोकल प्वाइंट निकट होने के कारण अधिकतर लेबर के लोग ही उससे बुकिंग करवाने के लिए आते थे। आरोपी ने बताया कि इसके लिए उसने अलग-अलग नाम पर फर्जी आई.डी. बनाई हुई थी। तत्काल टिकट बुक करने के लिए वह एक सीट के लिए 300 से 500 रुपए , स्लीपर के लिए 300 रुपए वसूल करता था। आरोपी से उसके अन्य साथियों को लेकर भी पता लगाया जा रहा है। बरामद किए गए कंपयूटर व लैपटाप को फोरैंसिक जांच के लिए भेज कर डाटा के बारे में पता लगाया जाएगा। 


कैसे पकड़ा गया आरोपी
मिली जानकारी के अनुसार आई.आर.सी.टी.सी. की वैबसाईट पर एक आई.डी. से एक महीने में 6 बार टिकट बुक करवाई जा सकती है। अधिक यात्रा करने वाले लोग प्राइवेट तौर पर 2 आई.डी. बना लेते हैं। फर्जी एजैंसी चलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए डिपार्टमैंट की तरफ से साइबर सैल गठित किया गया है, जो कि आई.पी. एड्रैस को अधिक तौर पर इस्तेमाल होने पर नजर रखते हंै। डिपार्टमैंट ने चैकिंग के दौरान पाया गया कि उक्त आरोपी के आई.पी. एड्रैस का लगातार इस्तेमाल हो रहा है और आरोपी ने कई आई.डी. बनाई हुई हैं। 


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