करतारपुर गलियारे के लिए प्रधानमंत्री से इमरान खान को फोन करवाएं सुखबीर : सिद्धू

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 12:52 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): करतारपुर गलियारा मामले में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अब केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ड्यूटी बनती है कि 10 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान सरकार को औपचारिक पत्र भेजे, क्योंकि जिस धरती पर हम जाना चाहते हैं वह पाकिस्तान के हिस्से में है। सिद्धू ने कहा कि 4 किलोमीटर उधर जाना है तो पहल हमें ही करनी होगी। इसमें अहंकार किस बात का। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वह सुखबीर बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल को आह्वान करते हैं कि वे सड़क पर उतरें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहें कि जैसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बधाई देने के लिए फोन किया था, वैसे ही करतारपुर गलियारे को खुलवाने के लिए फोन करें। इस मामले में उन्हें कोई क्रैडिट नहीं चाहिए। वह शिरोमणि अकाली दल के पीछे नतमस्तक होकर चलने के लिए तैयार हैं। 

बादल पाकिस्तान गए तो भेड़ लाए थे
शिअद पर करारा हमला करते हुए सिद्धूू ने कहा कि वह उन्हें याद करवाना चाहते हैं कि अकाली नेता और 5 बार के मुख्यमंत्री जब पाकिस्तान गए थे तो वह सिख संगत की बात करके नहीं आए थे बल्कि भेड़ लेकर आए थे। अब उन्हें ऐतराज नहीं होना चाहिए अगर पाकिस्तान की सरकार से सकारात्मक संदेश आते हैं। पाकिस्तान में सरकार बदली है, रवैया बदला है और वजीर-ए-आजम बदले हैं। एक प्लेटफॉर्म पर आवाज उठी है कि पाकिस्तान करतारपुर गलियारा खोलने के लिए तैयार है तो रंग में भंग क्यों डाल रहे हैं। शिअद को सहयोगी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भेड़ों को लाने वाले 7 साल कुंभकर्णी नींद सोने वाले, संविधान फाडऩे वाले क्या अब मुझे देशभक्ति सिखाएंगे? उन्होंने कहा कि सिख धर्म यूनिवर्सल ब्रदरहुड पर खड़ा है। यह शिरोमणि अकाली दल का पेटैंट या कॉपीराइट नहीं है। यह सबका अधिकार है। शिअद क्यों सौ मन दूध में खटाई की बूंद डाल रहा है। 

आई.एस.आई. ट्रैप पर भी सिद्धू ने किया पलटवार
आई.एस.आई. ट्रैप में फंसने की चर्चा पर सिद्धू ने कहा कि पाकिस्तान में सिर्फ एक दिन रहकर आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना बुलाए गए थे जबकि वह तो सभी की अनुमति लेकर गए थे। जहां गए थे, वहां सुबह ही समारोह था, उसके बाद वह कहीं नहीं गए और भारत वापस आ गए। पाकिस्तान की तरफ से पुराने समझौतों को दरकिनार करने के सवाल पर सिद्धू ने कहा कि जो 20-25 दिन में हुआ है, वह 70 सालों में नहीं हुआ। कभी किसी प्रधानमंत्री या सूचना मंत्री का बयान आया है।कभी यह कहा गया कि करतारपुर गलियारा बिना वीजा के खोलने के लिए तैयार हैं। कभी किसी पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने कहा कि हम शांति चाहते हैं। मैं इस बात का गवाह हूं। यह गलियारा अमन-अमान का रास्ता बनने को तैयार है। पाकिस्तानी आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से जफ्फी डालने पर उपजे विवाद पर सिद्धू ने कहा कि यह जफ्फी ही है, कोई राफेल नहीं है। यह कोई षड्यंत्र नहीं है बल्कि सिख समुदाय की आस्था का मामला है।

Des raj