UP से सस्ते भाव धान लाकर पंजाब में महंगे दामों में बेचने का पर्दाफाश

punjabkesari.in Monday, Oct 19, 2020 - 04:32 PM (IST)

श्री माछीवाड़ा साहिब (टक्कर) : माछीवाड़ा अनाज मंडी में पिछले कुछ दिनों से यू.पी. से सस्ता धान लाकर पंजाब की मंडियों में महंगे भाव सरकारी रेट पर बेच मालामाल हो रहे आढतियों व शैलर मालिकों का गोरखधंदा आज बेनकाब हो गया जिस पर माछीवाड़ा पुलिस ने 5 आढ़तियों, एक शैलर मालिक समेत 7 खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। थाना मुखी राव वरिंदर सिंह ने जानकारी देते बताया कि मुखबिर खास की सूचना दी कि धान के भरे ट्रक नंबर यू.के. 04 सी.ए. 6588, जिस को मसविंदर सिंह पुत्र चंदन सिंह निवासी पट्टी थाना शीशगढ़ जिला बरेली (यू.पी.) चला कर माछीवाड़ा के आढतियों के द्वारा महंगे भाव पर बेचने के लिए ला रहा है।


गढ़ी पुल पर नाकाबंदी कर पकड़ा धान से लदा ट्रक
 इस सूचना के आधार पर सब-इंस्पैक्टर अवतार सिंह ने गढ़ी पुल पर नाकाबंदी कर उपरोक्त गाड़ी नंबर को रोकने पर तलाशी दौरान पाया कि उस में बाहर के रा’य से लाया गया धान था। ट्रक को कब्जे में लेकर काँटा कराने उपरांत मसविंदर सिंह और एक शैगर मालिक समेत 7 व्यक्तियों खिलाफ मामला दर्ज कर कर जांच शुरू कर दी। एस.एच.ओ. राव वरिंदर सिंह ने कहा कि बाहर से धान लाकर बेचने के मामले सम्बन्धित 420 और 120-बी के अंतर्गत मामला दर्ज कर बारीकी से जांच की जा रही है। 

पुलिस जांच में जुटी 
इस संबंधी फूड सप्लाई के इंस्पैक्टर अमरिंदर सिंह के साथ बात करने पर उन्होंने कहा कि माछीवाड़ा पुलिस की तरफ से बाहर से लाकर धान बेचने के संबंध एक ट्रक पकड़ा गया है, जिसकी सूचना उच्च आधिकारियों को दी गई है और जांच की जा रही है कि किन-किन आढ़तियों की तरफ से बाहर से धान लाकर बेचा जा रहा है।माछीवाड़ा अनाज मंडी के कुछ आढ़ती व शैलर वालों के लिए यू.पी. से लाया धान सोने की खान साबित हो रही है और प्रति ट्रक उन को & से 4 लाख रुपए कमाई हो रही है।


पंजाब सरकार को लगाया जा रहा चूना
प्राप्त जानकारी अनुसार यू.पी. से यह धान दलालों द्वारा माछीवाड़ा तक 1100 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच की जाती है और पंजाब में सरकारी रेट 1888 रुपए प्रति क्विंटल तक बिकने से लाखों रुपए इन अमीरों की जेबों में जा रहा है। कुछ शैलर मालिकों के यह हालात हैं कि वह यू.पी. से धान सीधा ही अपने शैलरों में उतार लेते हैं और फिर आढ़ती के साथ गंढतुप्प कर अपने चहेते किसान के नाम पर बेच कर जे फार्म तैयार कर 788 रुपए प्रति क्विंटल काली कमाई डकार जाते हैं। और तो और कुछ आढ़ती यू.पी. से आए धान पर अढ़ाई प्रतिशत कमीशन सरकार से वसूल लेते हैं और कई बार यह धान मंडी से लेकर शैलर तक पहुंचाने की ढुआ-ढुआई भी कागजों में वसूल लेते जो कि सीधे तौर पर पंजाब सरकार को चूना है।

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