P.hd में थीसिस की चोरी रोकेगा ‘टूर्निटीन’ सॉफ्टवेयर

punjabkesari.in Monday, Jun 25, 2018 - 09:06 AM (IST)

मुंबई:  मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पीएचडी थीसिस की साहित्यिक चोरी पर लगाम लगाने के लिए ‘टूर्निटीन’ सॉफ्टवेयर की मदद लेने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि थीसिस की सामग्री की चोरी कर उस का इस्तेमाल करने वाले लोगों को आने वाले दिनों में डॉक्टरेट की डिग्री नहीं मिल पाएगी। 

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, अपनी थीसिस पूरी करने के लिए लोगों ने किसी-किसी के शोध पत्र की सामग्री का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है। इस तरह की चीजों पर विराम लगाने के लिए हमने ‘ टूर्निटीन ’ सहित अन्य सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल का फैसला किया है।

 

मुंबई: केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पीएचडी थीसिस की सामग्री की चोरी पर लगाम लगाने के लिए नए कदम उठाते हुए तकनीक की मदद लेने का फैसला किया है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसके लिए टूर्निटीन’ समेत कई अन्य सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल का निर्णय किया है. ये बात मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को महाराष्ट्र के शिरडी में बताई है. एचआरडी मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएचडी थीसिस की साहित्यिक चोरी पर लगाम लगाने के लिए ‘टूर्निटीन’ सॉफ्टवेयर की मदद लेने का निर्णय किया है. जावड़ेकर ने कहा कि थीसिस की सामग्री की चोरी कर उस का इस्तेमाल करने वाले लोगों को आने वाले दिनों में डॉक्टरेट की डिग्री नहीं मिल पाएगी.

 

मंत्री ने शिरडी में मीडियाकर्मियों से कहा, ”केंद्र सरकार ने पीएचडी शोध में थीसिस की साहित्यिक चोरी पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. अपनी थीसिस पूरी करने के लिए लोगों ने किसी – किसी के शोध पत्र की सामग्री का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है. इस तरह की चीजों पर विराम लगाने के लिए हमने ‘टूर्निटीन’ सहित अन्य सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल का निर्णय किया है.” वे साई बाबा मंदिर के दर्शन के बाद मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे.

 

बता दें की मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्च शिक्षा में कई सुधारों को लाने की कोशिश कर रहा है। इस कोशिश के चलती ऐसे लोगों को पीएचडी की डिग्री हासिल करना आसान नहीं होगा, जो दूसरी थीसिस की रिसर्च सामग्री की नकल करके पदवी हासिल कर लेते हैं।

 
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पिछले साल जुलाई में कहा था देशभर में 20 नए विश्वस्तरीय अनुसंधान संगठन स्थापित किए जाएंगे. जावड़ेकर ने यहां भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, “सरकार ने देशभर में 20 नए विश्वस्तरीय अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य देश के युवाओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोध करने के लिए बढ़ावा देना है.” जावड़ेकर ने कहा था कि शोध एवं नवाचार के जरिए टिकाऊ समृद्धि हासिल की जा सकती है और आईआईएस जैसे संस्थानों को धनराशि की कोई कमी नहीं आएगी. उन्होंने कहा, “जीएसटी सरकार को स्वास्थ्य, शिक्षा, शोध एवं नवाचारों के लिए अधिक अनुदान मुहैया कराने में सक्षम बनाएगा।

Sonia Goswami