सावधान:घातक हो सकता है प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2019 - 09:25 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा):फैक्टरियों, कारखानों, मोटरों व्हीकलों का धुआं और अन्य कई कारणों से मानव का सांस लेना कठिन हो चुका है। फसलों का अधिक झाड़ पैदा करने के लालच में रासायनिक खादें और कीड़े मार दवाओं का अधिक से अधिक प्रयोग करके अनाज जहरीला बनाकर रख दिया है। इसके अलावा दरियाओं के पानियों में फैक्टरियों का रासायनिक तत्वों वाला और जहरीला गंदा पानी मिलाया जा रहा है। दरियाओं, नहरों और रजबाहों का पानी पीने योग्य नहीं रहा और भू-जल भी बेहद खराब हो चुका है। ऐसे बुरे पानी के कारण ही ज्यादा लोग कैंसर, काला पीलिया और अन्य भयानक बीमारियों का शिकार हो चुके हैं।

जमीन प्रकृति का एक अनमोल खजाना है। अधिक पैसा कमाने के लालच में इस पर रासायनिक खादें, नदीन नाशक और कीड़ेमार जहरों के प्रयोग के साथ इसको खराब किया जा रहा है। अधिक झाड़ लेने से जमीन बीच के खुराकी तत्व अधिक ङ्क्षखचे जाते हैं और जमीन में खुराकी तत्वों की कमी आ जाएगी। जमीनें कमजोर होकर बंजर बन जाएंगी और फसलें पैदा करने की ताकत खत्म हो जाएगी। इन चीजों से बचने और जमीन को उपजाऊ करने के लिए जैविक खादों का प्रयोग किया जाए और इस संकट पर बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। मानव दूसरे मानव से बुद्धिमान हो सकता है, परन्तु मानव कुदरत से बुद्धिमान नहीं हो सकता। इसलिए कुदरत के साथ छेड़-छाड़ करनी मनुष्य और पशु-पक्षियों के लिए घातक साबित हो रहा है। 

गांव भुल्लर में है बायो टैक्नोलॉजी खेती सैंटर 
जैविक खेती अपनाने और जमीनों को कमजोर होने से बचाने के लिए गांव भुल्लर में किसान जत्थेदार अंग्रेज सिंह भुल्लर ने अपने खेत में बायो टैक्नोलॉजी खेती सैंटर बनाया हुआ है जहां केंचुआ खाद जैविक पदार्थ से तैयार की जाती है। उक्त किसान ने हर तरह के फलदार पौधे और दवाएं तैयार करने वाले पौधे वहां लगाए हुए हैं। गोबर गैस प्लांट और सूरज की किरणों के साथ चलने वाला ट्यूबवैल लगाया है। उक्त किसान का कहना है कि मानव को जीवित रहने के लिए 3 चीजें हवा, खुराक और साफ पानी की बेहद जरूरत है। लोगों को कुदरती खेती की तरफ ध्यान देना चाहिए ताकि बीमारियों से बचा जा सके। 

swetha