ट्रैफिक नियमों की सरेआम उड़ती हैं धज्जियां

punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2019 - 11:26 AM (IST)

गिद्दड़बाहा(संध्या): एक ओर पूरे हिंदुस्तान में ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जा चुका है ताकि लोगों की ओर से ट्रैफिक नियमों की पालना की जाए और आने वाली पीढ़ी को भी सड़कों पर वाहन चलाने बारे जानकारी हो, परंतु शहर के अंदर और बाहर से आने-जाने वाले लोगों को आज तक ट्रैफिक नियमों की या तो जानकारी नहीं या फिर कोई डर नहीं है।शहर की सड़कों पर दोपहिया वाहन चालकों की भरमार होने का मूल कारण है कि हर लड़की, महिला, नाबालिग बच्चे, बुजुर्ग वाहन चला रहे हैं, जिनमें कम संख्या में ही लोगों के पास ड्राइविंग लाइसैंस होंगे, हैलेमेट तो नामात्र लोग ही इस्तेमाल करते हैं। नाबालिग बच्चे फुल स्पीड पर स्कूटर/मोटरसाइकिल चला रहे हैं, नंबर प्लेटें भी ज्यादातर वाहनों पर नहीं लगी हैं।

आज भी मुंह ढककर चलाए जा रहे वाहन
भले ही समय-समय पर मुंह ढककर वाहन चलाने की मनाही है, परंतु फिर भी दोपहिया वाहन चालक पूरा मुंह ढककर वाहन को सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। हर रोज स्नैचर लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, सी.सी.टी.वी. फुटेज में आई तस्वीर में चोरों और लूट-पाट करने वालों के चेहरे ढके होने के कारण फोटो साफ नहीं आती है। लड़के-लड़कियों को भी पुलिस को सहयोग देते मुंह ढकने बंद करने चाहिए।

3-4 सवारियां बैठती हैं दोपहिया वाहनों पर 
दोपहिया वाहनों पर अक्सर ही 3-4 सवारियां बैठ कर सफर करती नजर आती हैं। कोई भी मनुष्य अपनी जिंदगी बारे विचार नहीं करता है। हर कोई तेज रफ्तार जिंदगी में एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश में रेस लगा रहा है।

मोबाइल का होता है सरेआम उपयोग
वाहन चालकों की ओर से सरेआम अपने दोपहिया और चौपहिया वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग किया जाता है। ऐसे वाहन चालक खुद दुर्घटना का शिकार तो होते ही हैं, दूसरों को भी ले ‘डूबते’ हैं।

ट्रैफिक इंचार्ज दर्शन सिंह ने कहा कि वह कई दिनों से हुसनर गांव में हड्डा रोड़ी की लड़ाई में ड्यूटी लगने कारण व्यस्त था। हैवी वाहनों से प्रैशर हॉर्न उतरवा दिए गए हैं। मिट्टी व रेत की ट्रैक्टर-ट्राली को ढक कर ले जाने के लिए कह दिया गया है और वाहनों पर नंबर प्लेटें आदि लगवाने के लिए भी हिदायतें जारी कर दी गई हैं। अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों को व्हीकल न चलाने दें।

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Sunita sarangal