3 किलोमीटर पैदल चलकर बसें पकडऩे को मजबूर हैं बुजुर्ग, बच्चे व महिलाएं

punjabkesari.in Monday, Jul 30, 2018 - 12:08 PM (IST)

मुक्तसर साहिब (तनेजा): देश को आजाद हुए 7 दशक बीत चुके हैं। समय की सरकारें डींगें मारती रहती हैं कि ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए बहुत कुछ कर रही हैं परन्तु सच्चाई इससे कोसो दूर है। क्योंकि अनेक गांव अभी भी ऐसे हैं जहां के बाशिंदे प्राथमिक और जरूरी सुविधाओंं को भी तरस रहे हैं। ऐसी ही एक मिसाल मिलती है इस क्षेत्र के गांव अकालगढ़ से। जहां के लोगों को आज तक सरकारी या प्राइवेट बस सुविधा नहीं मिली और लोगों को बस पकडऩे के लिए 3 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि गांव अकालगढ़ श्री मुक्तसर साहिब से जलालाबाद को जाने वाली मुख्य सड़क पर पड़ते गांव फत्तनवाला से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। फत्तनवाला में ही अकालगढ़ के लोग बसों पर आकर चढ़ते हैं और यहीं आकर उतरते हैं। जिन लोगों के पास अपना कोई साधन नहीं, उनको पैदल ही आना-जाना पड़ता है। क्योंकि गांव के लिए बस तो दूर यहां से कोई टैम्पो या रिक्शा आदि भी नहीं जाता। बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं पैदल ही यह सफर तय करते हैं। प्रचंड गर्मी में भी लोग पैदल चल कर बस पकडऩे को मजबूर हैं। अमीर घरों के बच्चे तो स्कूलों, कालेजों में पढऩे जाते समय अपने वाहनों का प्रयोग कर लेते हैं परन्तु गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को बाहर पढऩे जाना बहुत कठिन है। जिस कारण गांव के कई बच्चे आगे पढऩे से वंचित रह जाते हैं। इसी विषय को लेकर ‘ पंजाब केसरी ’ की ओर से इस हफ्ते की यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

किसानों को नहीं मिल रहा नहरी पानी
अकालगढ़ के किसानों को खेती के लिए नहरी पानी की बड़ी कमी अखर रही है जिस कारण कई किसानों की फसलों को नहरी पानी न मिलने के कारण उनका उत्पादन कम हो जाता है। किसान जत्थेबंदी के नेताओं हरफूल सिंह अकालगढ़ और बङ्क्षचत सिंह अकालगढ़ ने सरकार से पुरजोर मांग की कि खेती के लिए नहरी पानी की कमी दूर की जाए। उन्होंने कहा कि किसानों का आॢथक पक्ष से बड़ा नुक्सान हो रहा है परन्तु समय की सरकारों ने नहरी पानी की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। 

 8वीं कक्षा तक ही चल रहा है स्कूल 
शैक्षिक पक्ष से गांव अकालगढ़ काफी पिछड़ा हुआ है। यहां सिर्फ 5वीं और 8वीं कक्षा तक ही सरकारी स्कूल चल रहे हैं। जब कि 9वीं से आगे पढ़ाई करने के लिए विद्यार्थियों को अन्य गांवों में जाना पड़ता है। लड़कियों के लिए तो आगे की पढ़ाई करना और भी कठिन है। 

न डिस्पैंसरी और न पशु अस्पताल 
उक्त गांव स्वास्थ्य सुविधाओं से भी पूरी तरह वंचित है और यहां सरकारी डिस्पैंसरी नहीं है। जिस कारण समूचे गांव के लोग परेशान हैं। इसी तरह पशुओं के इलाज के लिए सरकारी पशु अस्पताल भी नहीं है और बीमार पशुओं का इलाज करवाने समय पशु पालकों को भारी दिक्कत आती हैं। 

बंद पड़ा है आर.ओ. सिस्टम
गांव निवासियों को शुद्ध और आर.ओ. वाला साफ-सुथरा पानी मुहैया करवाने के लिए पंजाब सरकार ने प्राईवेट कम्पनी की सहायता लेकर जो आर.ओ. सिस्टम लगाया गया था वह भी पिछले समय से बंद पड़ा है और लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही। गांव वासियों ने जलघर में ही भमिगत पानी के लिए ट्यूबवैल लगाया हुआ है और यह पानी ही लोग पीने के लिए और दूसरे कार्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं। 

और भी हैं कई समस्याएं
गांव में कोई सरकारी या प्राइवेट बैंक नहीं है। 
जिस कारण पैसों के लेन-देन समय लोगों को अन्य 
गांवों के बैंकों में या श्री मुक्तसर साहिब जाकर बैंक 
खाता खुलवाना पड़ता है। वृद्धों, विधवाओं और 
दिव्यांगों को भी पैंशनेंलेने के लिए परेशान होना पड़ता है। नौजवानों के लिए जिम की कमी भी अखर रही है।  

पंजाब सरकार गांव की ले सुध  
गांव अकालगढ़ विधानसभा हलका श्री मुक्तसर साहिब में आता है और यहां की आबादी लगभग 2 हजार है जबकि गांव की 950 के करीब वोटें हैं। गांव निवासियों जगजीत सिंह फौजी और हरमन्दर सिंह ने पंजाब सरकार से मांग की कि अनदेखे किए गए इस गांव की सुध ली जाए और सभी कमियों को दूर किया जाए जिससे यहां के रहने वाले लोग भी सुख-सुविधाएं ले सकें।
 

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