पंचायत की तरफ से डी.सी. को मिली शिकायत के बाद ही गिराया गया है मकान : पूर्व विधायक मराड़

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 04:11 PM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा, खुराना): गांव मराड़ कलां में 20 जून को एक व्यक्ति डा. हरबंस सिंह बावा जिसका मकान गिराया गया था, के बारे पूर्व विधायक सुखदर्शन सिंह मराड़ ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि उक्त मकान को गिराने में उनका कोई लेना देना नहीं है, क्योंकि यह मकान गांव की पंचायत की ओरसे पुलिस और डिप्टी कमिश्नर को की गई शिकायत के बाद ही गिराया गया है। 


मराड़ ने कहा कि पहले तो डाक्टर हरबंस सिंह बावा जिसको एस.सी. कहा जा रहा है, वह वास्तव में एस.सी. है ही नहीं और दूसरा जिस जगह पर वह मकान बना रहा था, वह पंचायती और शामलाट जगह है। जिस पर वह रात्रि के समय मकान बनवा रहा था और पंचायत ने उस पर कार्रवाई करवाई है। इस जगह के बारे में 2 वर्ष अदालत में केस भी चला था परन्तु अदालत ने यह केस खारिज कर दिया था और उसके बाद ही यह कार्रवाई हुई है। मराड़ ने कहा कि हरबंस सिंह का गांव मराड़ कला के वार्ड नंबर 9 में मकान है जिसमें इनके परिवार की बकायदा पांच वोटें भी बनीं हुई हैं। मराड़ ने यह भी आरोप लगाया कि उक्त हरबंस सिंह के पास डाक्टर की भी कोई डिग्री नहीं है और इसके द्वारा कोटकपूरा और फरीदकोट में भी अपनी ब्रांचें चलाई जा रही हैं। जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए, क्योंकि डिग्री न होने के कारण लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। 

क्या कहना है हरबंस सिंह का 
जब डाक्टर हरबंस सिंह का पक्ष लिया गया तो उन्होंने माना कि वह एस.सी. नहीं, बी.सी. वर्ग से संबंधित हैं। डाक्टरी की डिग्री के बारे में उन्होंने कहा कि मेरे पास कोई डिग्री नहीं है और न ही मैं किसी के टीका लगाता हूं व न दवा देता हूं। मैं तो सिर्फ टांगों व बाजुओं पर मालिश करने का काम ही करता हूं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि फरीदकोट में मेरी ब्रांच चल रही है परन्तु वहां डाक्टर धर्मपाल बैठते हैं, जिनके पास बकायदा लाइसंैस है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरा मकान गिराने के लिए कोई सरकारी आर्डर नहीं आए थे मेरे साथ धक्केशाही हुई है।

क्या है संघर्षशीलों का पक्ष 
इसी दौरान हरबंस सिंह के पक्ष में संघर्ष कर रही जत्थेबंदियों के नेता परमिन्दर सिंह पाशा जो आदिवासी गुरु ज्ञान नाथ पूरन संघर्ष दल के मालवा जोन-1 के प्रधान हैं, से मकान गिराने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी माना कि जगह तो शामलाट की ही है परन्तु बहुत से लोग शामलाट में बैठे हैं, और किसी का भी घर नहीं गिराया गया। उन्होंने यह भी कहा कि डिप्टी कमिश्नर द्वारा  घर गिराने के बाद सहायता के तौर पर हरबंस सिंह को 50 हजार रुपए का चैक भी दिया गया था। 

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