4 माह से नहीं पहुंचा जलघर का पानी, बूंद-बूंद को तरस रहे लोग

punjabkesari.in Friday, Jun 01, 2018 - 10:46 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): भले ही राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार और विश्व बैंकों की सहायता से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पीने के लिए साफ-सुथरा पानी मुहैया करवाने हेतु लाखों रुपए खर्च कर नए आधुनिक सुविधाओं वाले जलघर बनाए जाने के दावे किए जा रहे हैं परन्तु इसके बावजूद भी जिन जरूरतमंदों और गरीब लोगों को इन जलघरों की टूटियों के पानी की ज्यादा जरूरत है। उन तक टूटियों का पानी पहुंच ही नहीं रहा जिस कारण लोग बेहद परेशान हैं।

ऐसी ही एक मिसाल इस क्षेत्र के बड़े गांव भागसर में बाईपास से बाहर की तरफ रेलवे स्टेशन को जाने वाली सड़क पर बावरिया सिखों की तरफ से बसाए गए 2 मोहल्लों से मिलती है। जहां पिछले करीब 4 महीनों से जलघर की टूटियों का पानी नहीं पहुंच रहा और गर्मियों के दिनों में ये गरीब लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।

 ‘पंजाब केसरी’ की टीम द्वारा उक्त दोनों मोहल्लों में जाकर जब देखा गया तो बावरिया सिखों के इन घरों में पानी की एक बूंद भी नहीं थी और मटके, केनियां, ड्रम आदि खाली पड़े थे। इन मोहल्लों को गांव के मैन जलघर से पानी की सप्लाई दी गई है और 3 इंच पाइप सड़क तक डाल कर आगे 2 इंच पाइप डाली गई है।

टूटियों वाली जगह पर खोदे गड्ढे
उक्त 2 मोहल्लों में बावरिया सिखों के काफी घर हैं और प्रत्येक घर में जिस जगह टूटी लगी हुई थी वहां पर गड्ढे खोदे हुए हैं और इन टूटियों में बाल्टियां रखी हुई हैं। घर वालों ने बताया कि कभी-कभी एक-दो बाल्टियां पानी आ जाता है और फिर इन गड्ढों में से डिब्बों द्वारा पानी निकाला जाता है। इस तरह पानी में मिट्टी-धूल भी मिल जाती है। 

लोगों ने कहा जल्द हो समस्या का समाधान
बावरिया सिखों के मोहल्लों की महिलाएं शिन्दर कौर, मनजीत कौर, बलजीत कौर, परमजीत कौर, जंगीर कौर, वीरपाल कौर, लक्ष्मी, सुखप्रीत कौर, जगप्रीत कौर, महिन्दर कौर, सरबजीत कौर, मनप्रीत कौर और भगवान कौर के अलावा लछमण सिंह, रुलिया सिंह, महंगा सिंह, रामू सिंह, गुरदीप सिंह, गुरमेल सिंह, मैंगल सिंह, सतनाम सिंह, राम रखा, पूरन सिंह, बिन्दर सिंह, बलदेव सिंह, जगसीर सिंह, सुखपाल सिंह, कृपाल सिंह, नानक सिंह, बलतेज सिंह, प्रीतम सिंह, सतनाम सिंह, सुखदेव सिंह और अंग्रेज सिंह आदि ने संबंधित विभाग और जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों से अपील की कि समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाए। गरीबों ने मजदूरी करने के लिए बाहर-अंदर भी जाना होता है और जब शाम के समय पर थक कर वे घर पहुंचते हैं तो मुंह धोने के लिए भी पानी नहीं होता।

Anjna