आजादी के 7 दशक बाद भी मूलभूत व शैक्षणिक पक्ष से पिछड़ा यह गांव

punjabkesari.in Sunday, Jan 20, 2019 - 02:47 PM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): भले सरकार हमेशा ही यह वायदे करती नहीं थकती कि गांवों को शहरों जैसा बनाया जा रहा है व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सब सुख-सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं, परंतु असल में शहरों से दूर-दूर बसे अनेक गांव ऐसे भी हैं जहां आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी मौजूदा व समय की सरकारें मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करवा पाई हैं। ऐसी ही एक मिसाल गांव मदरसा से मिलती है, जिसे समय की सरकारों ने हमेशा ही अनदेखा किया है व इस गांव से राज्य सरकार द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

आलम यह है कि उक्त गांव बहुत सारी समस्याओं व कमियों से जूझ रहा है। एक ओर शिक्षा विभाग व पंजाब सरकार शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की बातें कर रहा है, परंतु गांव मदरसा शैक्षणिक पक्ष से बिल्कुल पिछड़ा हुआ है। यहां आज तक सिर्फ सरकारी प्राइमरी स्कूल ही चल रहा है। 6वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई करने के लिए बच्चों को अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है, जिस कारण कई बच्चे आगे पढऩे से वंचित रह जाते हैं। यहां तक कि इस गांव में डाकघर की सुविधा भी नहीं है। इसके अतिरिक्त नौजवानों के खेलने के लिए गांव में कोई ग्राऊंड भी नहीं है। मदरसा गांव की कमियां को दूर करने व समस्याओं का हल करने के लिए पंजाब सरकार तथा जिला प्रशासन के अधिकारी तुरंत ध्यान दें ताकि यहां के लोग परेशान न हों।

स्वास्थ्य व पेयजल की भी सुविधा नहीं
गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए न यहां सरकारी सेहत डिस्पैंसरी है व न ही पशुओं के उपचार के लिए सरकारी पशु अस्पताल है, जिस कारण गांववासी बेहद परेशान हो रहे हैं। लोगों की मांग है कि सेहत डिस्पैंसरियां व पशु अस्पताल बनाया जाए। वहीं गांव के अनेक लोग गांव से बाहर लक्खेवाली को जाने वाली सड़क पर लगे हुए 2 नलकों से पीने के लिए पानी भरकर लाते हैं क्योंकि गांव में भूजल शोरे युक्त है। गांव में जो जलघर है, उसकी टैंकी की हालत खस्ता हो चुकी है। सीढिय़ा गिर रही हैं व कोई ऊपर न चढ़े इसलिए सीढिय़ों नीचे कंडे रखे गए हैं। 

खस्ता है बस स्टैंड व धर्मशालाओं की हालत
गांव में जो बोहड़ वाला मुख्य बस स्टैंड है, उसकी हालत बद से बदतर है व यात्रियों के बैठने के लिए जगह नहीं है। बस स्टैंड के अंदर घास-फूस उगा पड़ा है व स्वच्छ भारत मुहिम कहीं भी दिखाई नहीं दे रही। बसों पर चढऩे वाली सवारियां बाहर ही आसपास रुकती हैं। गांव में 2 धर्मशालाएं हैं, जो सड़क के ऊपर ही हैं। ये इमारतें खंडहर बन रही हैं। सरकारी इमारत न होने के कारण एक धर्मशाला में आंगनबाड़ी सैंटर चल रहा है, जबकि उसके लिए सरकारी इमारत की जरूरत है।

गलियां व सड़कें पहल के आधार पर पक्की करने की मांग
गांव मदरसा में कई गलियां पक्की होने वाली हैं व नालियां बनने वाली है। गांव वासियों की मांग है कि पहल के आधार पर गलियां पक्की की जाएं। गांव से खेतों में से होते हुए जो सड़क रेलवे फाटक की ओर जाती है, वह टूट चुकी है। इसी तरह भागसर गांव को जाने वाली सड़क भी कई स्थानों से टूट चुकी है। उक्त गांव के किसानों को खेती के लिए नहरी पानी की कमी गत लंबे समय से ही आ रही है, जिस कारण किसानों की फसलें अच्छी तरह नहीं पकतीं व फसल बीजने समय भी भारी परेशानी आती है। इस गांव के किसानों की जमीन टेलों पर पड़ती है। कई किसान पास से निकलती चंदभान डे्रन में से ट्यूबवैल से पानी उठाकर अपनी फसलों को पालते हैं, परंतु यह पानी गंदा होने कारण जमीन खराब हो रही है।

Anjna