जिले के 842 आंगनबाड़ी सैंटरों में बच्चों व माताओं को देने वाला राशन समाप्त

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 11:15 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): माननीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश दिए गए हैं कि आई.सी.डी.एस. स्कीम अधीन चलाए जा रहे आंगनबाड़ी सैंटरों में आने वाले छोटे बच्चों को साल में कम से कम 300 दिन राशन दिया जाए तथा बच्चों व माताओं को राशन से वंचित न रखा जाए परन्तु पंजाब सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को अनदेखा किया जा रहा है।

राज्य सरकार कई-कई दिनों तक आंगनबाड़ी सैंटरों में राशन ही नहीं भेजती है। सरकार की तरफ से जो मीनू राशन देने के लिए बनाया गया है, के अनुसार लगातार बच्चों व माताओं को राशन नहीं मिल रहा जिस कारण उनको परेशानी हो रही है। इसकी मिसाल मालवा क्षेत्र के चर्चित जिला श्री मुक्तसर साहिब से मिलती है, जहां जिले के 4 ब्लाकों श्री मुक्तसर साहिब, मलोट, लम्बी व गिद्दड़बाहा अधीन आते लगभग 842 आंगनबाड़ी सैंटरों में इस समय राशन समाप्त है। जानकारी के अनुसार दिसम्बर 2019 में ही राशन समाप्त हो गया था और अकेली पंजीरी ही तब छुट्टियों समय दी गई थी। नए साल 2020 में तो अभी तक सरकार ने आंगनबाड़ी सैंटरों में राशन भेजा ही नहीं है।

लोग वर्करों व हैल्परों से करते हैं सवाल
जब सैंटरों में राशन होता है तब यहां रौनकें लग जाती हैं परन्तु जब राशन समाप्त हो जाता है तो लोग सैंटर में आकर वर्कर व हैल्पर से सवाल करते हैं कि कब राशन आएगा। कुछ तो लड़ते भी हैं और कहते हैं कि आप खुद खा जाते हो।

ये सामान आता है सैंटरों में
सरकार द्वारा सैंटरों में पंजीरी, सूखा दूध, शक्कर, घी, चावल व गेहूं भेजी जाती है। वर्कर व हैल्पर के अनुसार कई बार सैंटरों में सिर्फ चीनी ही रह जाती है।

केंद्र सरकार आंगनबाड़ी वर्कर व हैल्पर को दे सरकारी मुलाजिम का दर्जा : यूनियन
ऑल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन ने केंद्र सरकार से पुरजोर मांग की कि आई.सी.डी.एस. स्कीम अधीन आंगनबाड़ी सैंटरों में काम कर रही वर्कर व हैल्पर को सरकारी मुलाजिम का दर्जा दिया जाए क्योंकि पिछले लम्बे समय से उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। यूनियन की प्रधान हरगोबिंद कौर, जिला श्री मुक्तसर साहिब की प्रधान शिन्दरपाल कौर थांदेवाला, ब्लाक गिद्दड़बाहा की प्रधान ज्ञान कौर दूहेवाला, ब्लाक लम्बी की प्रधान कुलदीप कौर भट्ठा, सरबजीत कौर कौड़ियांवाली, किरनजीत कौर भंगचड़ी, वीरपाल कौर बीदोवाली, करमजीत कौर किलियांवाली, ओंकार कौर मलोट सहित अन्य ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर/हैल्पर पिछले 44 सालों से काम कर रही हैं। बाकी सभी विभागों में काम करने वाले मुलाजिमों को समय की सरकारों ने पक्का कर दिया है परन्तु आंगनबाड़ी वर्करों को अनदेखा किया जा रहा है।

केंद्र सरकार भेजती है पैसा
आंगनबाड़ी सैंटरों में राशन खरीदने के लिए ज्यादा पैसा केंद्र सरकार ही भेजती है और थोड़ा-बहुत पैसा पंजाब सरकार ने डालना होता है परन्तु राज्य सरकार अपने हिस्से का पैसा जल्द नहीं डालती तथा उलटा कई बार केंद्र से राशन के लिए आए पैसे को भी अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल कर लेती है। पता लगा है कि केंद्र सरकार तो अपना बजट जारी कर देती है परन्तु पंजाब सरकार देरी करती है। सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल विकास विभाग के उच्चाधिकारियों की भी कहीं न कहीं लापरवाही दिखाई देती है क्योंकि विभाग वाले डिमांड भेजने व बिल बनाते समय देरी करते हैं। खजाने में से बिल जल्दपास नहीं होते।

यदि राशन खरीद लिया जाता तो आगे से उठाने में देरी हो जाती है और फिर कहीं जाकर सैंटरों तक राशन पहुंचता है। यदि विभाग चुस्त रहे तो बच्चों व माताओं को समय पर राशन मिल सकता है। साल में 365 की बजाय बड़ी मुश्किल से 200 दिन ही राशन मिलता है। लगातार राशन तो कहीं भी नहीं मिलता हैं। बड़ी बात तो यह है कि पोषण अभियान पर अरबों रुपए केंद्र सरकार की तरफ से खर्च किए जा रहे हैं और लोगों को अच्छे खाने-पीने बारे बताया जा रहा है परन्तु जिन गरीबों व जरूरतमंदों को राशन की जरूरत है, उन तक राशन पहुंचाया ही नहीं जा रहा। 

सरकार व संबंधित विभाग झूठे आश्वासन देने बंद करे तथा अपनी जिम्मेदारी समझते आंगनबाड़ी सैंटरों में लगातार राशन भेजे, ताकि गरीब लोगों को लाभ मिल सके। वहीं वर्कर-हैल्पर को आ रही परेशानी भी तभी दूर होगी, जब सैंटरों में पूरा राशन होगा और लोग उन पर सवाल नहीं करेंगे। 
-हरगोबिन्द कौर सरां, प्रधान ऑल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन।  

जल्द ही राशन आ रहा है और सभी आंगनबाड़ी सैंटरों तक पहुंचा दिया जाएगा।            
-रतनदीप कौर संधू, जिला प्रोग्राम अफसर।

Edited By

Sunita sarangal