नाड़ को आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त

punjabkesari.in Friday, Apr 27, 2018 - 10:23 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): एक ओर पंजाब सरकार की तरफ से यह कहा जा रहा है कि जो किसान गेहूं के नाड़ के खेतों में आग लगाएंगे, उन किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी परन्तु दूसरी तरफ पंजाब सरकार ग्रीन ट्रिब्यूनल की दी गई हिदायतों को लागू नहीं कर रही। यदि सरकार ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से जारी हिदायतों को लागू करे तो किसान वर्ग को बहुत बड़ा फायदा हो सकता है। किसानों ने अपने खेतों में से गेहूं कम्बाइनों के साथ काट लिया है और अब कई खेतों में गेहूं का नाड़ खड़ा है। जिला प्रशासन को खतरा है कि किसान इसे आग लगाएंगे, जिससे प्रदूषण फैलेगा और वातावरण खराब होगा, इस कारण जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करने के रुख में है। 

प्रदूषण विभाग ने पिछले साल काटे थे 350 चालान: एस.डी.ओ.
प्रदूषण विभाग की तरफ से साल 2017 में किसानों की तरफ से धान की पराली को आग लगाते समय श्री मुक्तसर साहिब सब डिवीजन में 350 किसानों के चालान काटे गए थे। यह जानकारी विभाग के एस.डी.ओ. बलजीत सिंह ने पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए दी परंतु साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि 350 किसानों में से किसी एक ने भी जुर्माना नहीं भरा। जब उनसे यह पूछा गया कि अब विभाग ने क्या प्रबंध किए हैं तो उन्होंने कहा कि हमें जब तहसीलदार साहिब लिख कर देंगे कि किस किसान ने गेहूं के नाड़ को आग लगाई है तो हम फिर चालान काटेंगे। 

ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों की नहीं की जा रही पालना 
ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हिदायतें जारी की हैं कि राज्य सरकार गेहूं के नाड़ व धान की पराली को खेतों में जोतने पर सबसिडी और मशीनें तथा खेती यंत्र मुहैया करवाए क्योंकि किसान खुद इन मशीनों को खरीदने से असमर्थ हैं और पहले ही अनेकों किसान अपने सिर कर्ज चढ़ा होने के कारण आत्महत्या कर चुके हैं परंतु राज्य सरकार की तरफ से आज तक न तो नाड़ और पराली को खेतों में जोतने के लिए खेती यंत्र मुहैया करवाए गए हैं और न ही प्रति एकड़ 2 हजार रुपए की सहायता दी गई है।  
 

Anjna